Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

आरएसएस जैसे पवित्र संगठन से जीवन का सार सीखा, देश के लिए सर्वस्व अर्पित करने की प्रेरणा देता है संघ : पीएम मोदी

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रसारित एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में अपने जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने आरएसएस जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार सीखा। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्ट लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान अपने निजी और समाज जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है। इसी में से एक पहलू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी रहा।

संघ की अपने जीवन में भूमिका पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें गढ़ने में मदद की है। पिछले 100 वर्षों में संघ ने देश को कई ऐसे स्वयंसेवक दिए हैं जिन्होंने पवित्र संगठन से संस्कार प्राप्त कर देश के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं। संघ को समझना सरल नहीं है। संघ देश और जन सेवा में सब कुछ अर्पित करने की प्रेरणा देता है। इसी क्रम में समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान संघ से जुड़े संगठनों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक कार्यरत हैं। संघ का स्वयंसेवक अपनी रुचि और प्रकृति के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है। इसमें सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, मजदूर संघ और कई अन्य संगठन हैं। उन्होंने कहा कि सेवा भारती गरीब बस्तियों में लाखों सेवा प्रकल्प चल रहा है। वनवासी कल्याण आश्रम वनवासी समाज में काम कर रहा है और 70 हजार से ज्यादा एकल विद्यालय चला रहा है। विद्या भारती जैसा संगठन 25 हजार स्कूल संचालित करता है, जिसमें एक समय पर 30 लाख से अधिक छात्र शिक्षा और संस्कार प्राप्त करते हैं। भारतीय मजदूर संघ की देशभर में 55 हजार से अधिक यूनियन हैं। कम्युनिस्ट जहां दुनिया के कामगारों एक होने का नारा देता है, वहीं भारतीय मजदूर संघ दुनिया के लिए एक होने का नारा देता है।

आभार – पाञ्चजन्य

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top