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इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकी के बाद बांग्लादेश में दुर्गा मंदिर तोड़ा गया, विरोध में सड़कों पर उतरे हिन्दू

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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुर्गा मंदिर गिराए जाने की घटना के बाद बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का हिंदुओं के द्वारा जमकर विरोध हो रहा है। भारत ने भी इसकी कड़ी निंदा करते हुए हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार 27 जून को ढाका में दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने की घटना पर मीडिया से कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफतौर पर कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने में पूर्ण रूप से विफल रही है। दरअसल, इस्लामी कट्टरपंथियों ने पहले ही मंदिर को तोड़ने की धमकी थी। इस घटना के बाद यूनुस सरकार की नीयत और क्षमता को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ ढाका की सड़कों पर सनातनी समाज उतर आया है। उन्होंने इसके विरोध में शुक्रवार सुबह ढाका प्रेस क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया और सरकार को आंदोलन की खुली चेतावनी दी।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के कार्यकारी महासचिव मनींद्र कुमार नाथ ने सरकार की आलोचना करते हुए उन पर आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं केवल धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देती हैं। दुख की बात यह है कि सरकार इन घटनाओं को अफवाह बताकर नजरअंदाज कर रही है, जबकि पूरा देश इन घटनाओं का गवाह बन रहा है। सनातन समाज का कहना है कि सरकार लगातार अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब पूरा समाज एकजुट हो चुका है।

नाथ ने आगे कहा, “पिछले दिन ढाका के रेलवे लाइन के पास सरकारी बुलडोजर का उपयोग करके एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। मंदिर गिराने की घटना सुनियोजित तरीके से हुई। इससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं। हम इस तरह के विनाशकारी और हिंसक धार्मिक उन्माद की कड़ी निंदा करते हैं। बांग्लादेश सरकार इस घटना को लेकर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे पाई है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इसे अफवाह बताकर भले ही पल्ला झाड़ रही है, लेकिन स्थानीय संगठन और आम लोग सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार जानबूझकर ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है, जिससे अल्पसंख्यकों में डर बना रहे।

केवल मंदिर ध्वस्त किया, दूसरी अवैध इमारतों को छोड़ दिया

बांग्लादेश के रेलवे अधिकारियों ने गुरुवार (26 जून) को ढाका के खीलखेत में सरकारी जमीन पर बने दुर्गा मंदिर को गिरा दिया। अधिकारियों के अनुसार यह मंदिर अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर बनाया गया था, इसलिए इसे ध्वस्त किया गया। मंदिर समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि सोमवार (23 जून) रात करीब 9 बजे 500 से अधिक लोगों की भीड़ लाठियों के साथ मंदिर में उस समय पहुंची, जब वहां भक्त पूजा कर रहे थे।

उन्होंने दावा किया कि रेलवे अधिकारियों ने केवल मंदिर को ध्वस्त किया, जबकि दूसरी अवैध इमारतों को छोड़ दिया। मंदिर गिराए जाने के समय बड़ी संख्या में हिंदू पुरुष और महिलाएं वहां मौजूद थे। वे रोते हुए मंदिर को गिरते देख रहे थे। विरोध करने वाले हिन्दुओं को फौज ने हटा दिया और फिर मंदिर को तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है।

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