Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

स्विट्जरलैंड ने भारत-EFTA का $100 अरब डील किया रैटिफाई: आर्थिक साझेदारी का नया युग

स्विट्जरलैंड ने आधिकारिक रूप से भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच ऐतिहासिक $100 अरब निवेश डील को अपनी स्वीकृति दे दी है। इस फैसले के साथ ही 16 वर्षों की लंबी वार्ताओं का समापन हुआ और यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो जाएगा। यह भारत के आर्थिक इतिहास में सबसे बड़ा FDI कमिटमेंट माना जा रहा है।

क्या है India-EFTA समझौता?
इस व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) में EFTA सदस्य—आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, और स्विट्जरलैंड—शामिल हैं। डील के तहत ये देश अगले 15 वर्षों में भारत में $100 अरब (करीब 8 लाख करोड़ रुपये) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करेंगे। शुरुआती 10 वर्षों में $50 अरब, फिर अगले 5 वर्षों में $50 अरब का निवेश लक्षित है।

भारत को क्या बड़े फायदे?
यह समझौता न केवल विदेशी निवेश का रास्ता खोलेगा, बल्कि भारत के लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लाएगा। सरकार का कहना है कि इससे करीब 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियाँ सृजित होंगी। समझौता लागू होने के बाद स्विस घड़ियां, चॉकलेट, कटे-पॉलिश किए हीरे, और अन्य हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट भारतीय बाजार में पहले से काफी कम टैक्स या शुल्क पर मिल पाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को किफायती कीमत का लाभ मिलेगा।

कौन-कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित?
इस एग्रीमेंट के तहत भारत समेत EFTA देशों के 100 से अधिक सेक्टरों में कारोबारियों को निवेश के मौके मिलेंगे। इसमें कंप्यूटर, पेशेवर सेवाएं, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हेल्थ, कानून,ऑडिट-एकाउंटिंग, ऑटो-पार्ट्स, मशीनरी, और इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि शामिल हैं। स्विट्जरलैंड खासतौर पर भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना रहेगा।

व्यापार में किस तरह के बदलाव आएंगे?
भारत अपने अधिकांश टैरिफ (82.7%) को कम या हटाएगा। EFTA से आने वाले 95% प्रोडक्ट्स, जिसमें सोना और अन्य मूल्यवान वस्तुएं शामिल हैं, उन पर चरणबद्ध तरीके से कस्टम ड्यूटी हटाई जाएगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि भारतीय निर्यातक भी यूरोपियन बाजार का व्यापक उपयोग कर सकेंगे। साथ ही, भारतीय सर्विस सेक्टर (IT, हेल्थ, फाइनेंस) के लिए यूरोप में अवसर बढ़ेंगे।

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू अर्थव्यवस्था पर असर
TEPA समझौते को विशेषज्ञ भारत के लिए “गेमचेंजर” मान रहे हैं। इससे न सिर्फ भारत-EFTA व्यापार और निवेश दोगुने से अधिक बढ़ने की उम्मीद है, बल्कि भारत को तकनीकी हस्तांतरण, उन्नत स्किल डेवलपमेंट, और स्टार्टअप्स-इनोवेशन के लिए भी नए मौके मिलेंगे। स्विस कंपनियों के लिए भारत का विशाल बाजार भी आकर्षण का केंद्र रहेगा, जिससे दोनों ओर समृद्धि संभव होगी।

स्विट्जरलैंड द्वारा डील के अंतिम अनुमोदन के बाद, भारत में वैश्विक निवेश और टेक्नोलॉजी का प्रवाह तेज होगा। रोजगार और उपभोक्ता बाजार दोनों स्तरों पर इसका फायदा भारत को मिलेगा। यह डील न केवल भारत के आर्थिक भविष्य की दिशा तय करेगी, बल्कि दुनिया में भारत की कारोबारी साख को भी नई ऊंचाई देगी।

सोशल शेयर बटन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Recent Stories

Scroll to Top