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जैसलमेर के बासनपीर गांव में विधर्मियो द्वारा सांप्रदायिक हिंसा: विश्व हिन्दू परिषद व राष्ट्र वादी संगठनों ने जताई गहरी चिंता, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जांच की मांग

राजस्थान के जैसलमेर जिले के सीमावर्ती गांव बासनपीर (पूर्व नाम बासनपी) में हुई सांप्रदायिक झड़पों और ऐतिहासिक धरोहरों के विध्वंस को लेकर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) व अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विहिप ने इसे न केवल हिन्दू समाज की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत पर हमला बताया, बल्कि इसे सीमांत क्षेत्र में इस्लामी कट्टरपंथ के विस्तार की गंभीर साजिश करार दिया है। परिषद ने केंद्र और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियों से सख्त और निर्णायक कार्यवाही की मांग की है।84 गांवों में से एक बासनपी, अब बना बासनपीर
बासनपी गांव, जिसे अब ‘बासनपीर’ कहा जा रहा है, उन 84 प्राचीन गांवों में से एक है जिन्हें पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। गांव में बने प्राचीन मंदिर, पूजास्थल और स्मृति चिन्हों को पिछले कुछ वर्षों में निशाना बनाया गया है। विहिप का आरोप है कि 2019 में यहां वीर रामसिंह सोढ़ा और हदूद जी पालीवाल की स्मृति में बनी छतरियों को इस्लामी उन्मादियों ने ध्वस्त कर दिया था। हाल ही में जब इन छतरियों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई, तो एक स्थानीय मदरसे से लोगों को उकसाकर पुनः विरोध और पत्थरबाजी करवाई गई।

10 जुलाई की हिंसा: भीड़ ने लगाए कट्टरपंथी नारे, पुलिसकर्मी घायल
10 जुलाई 2025 को पुनर्निर्माण स्थल पर सैकड़ों की भीड़ ने “इस्लामिक” नारों के साथ हमला कर दिया, जिसमें कई कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। इसके बावजूद विहिप और स्थानीय हिन्दू समाज के प्रयासों से प्रशासन की निगरानी में निर्माण कार्य जारी है।

सीमांत क्षेत्रों में बढ़ रही कट्टरता: मजारें, मदरसे और भूमि कब्ज़ा चिंता का विषय
विहिप ने प्रेस वार्ता में कहा कि जैसलमेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में मजारों और मदरसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साथ ही वक्फ बोर्ड की आड़ में भूमि पर अवैध कब्ज़ा, धर्मांतरण और उन्मादी गतिविधियों की प्रवृत्ति भी चिंताजनक है। अमरसागर, सम, फतेहगढ़, और पोकरण जैसे क्षेत्रों में भी हाल ही में पत्थरबाज़ी और हमले की घटनाएं सामने आई हैं।

राजनीतिक और आपराधिक गठजोड़ का आरोप
विश्व हिन्दू परिषद ने पूर्व राज्य मंत्री सालेह मोहम्मद से जुड़े लोगों — यारू खान, सुमेर खान और पीए सकूर खान — पर हथियार और ड्रग्स तस्करी में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाते हुए इनकी जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कराए जाने की मांग की है।

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विहिप की तीन प्रमुख मांगें
1. बासनपी गांव में पूर्ण सुरक्षा के साथ धार्मिक व ऐतिहासिक स्मारकों का पुनर्निर्माण हो, और सभी अतिक्रमण हटाए जाएं।

2. सीमावर्ती क्षेत्रों में मजारों, मदरसों और धर्मांतरण जैसी गतिविधियों की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्यवाही हो।

3. जैसलमेर जैसे रणनीतिक जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की निगरानी बढ़ाई जाए ताकि देशविरोधी गतिविधियों पर समय रहते नियंत्रण हो सके।

यह केवल एक गांव की लड़ाई नहीं, यह राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा है” – विनोद बंसल
जोधपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने कहा, “यह घटना केवल पत्थरबाज़ी की नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी साजिश है — हिन्दू समाज की विरासत को मिटाने और सीमांत क्षेत्रों में कट्टरपंथ को मजबूत करने की। सरकार को अब केवल घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, बल्कि इसके पीछे के नेटवर्क को नष्ट करने की ठोस रणनीति बनानी होगी।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्व हिन्दू परिषद इस मामले को स्थानीय विवाद नहीं मानती, बल्कि इसे सम्पूर्ण राष्ट्र की सुरक्षा, संस्कृति और अस्मिता से जुड़ा विषय मानती है। विहिप ने चेताया कि यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो जनजागरण और कानूनी संघर्ष के माध्यम से समाज को जाग्रत कर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

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