उज्जैन में मोहर्रम के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी हज़रत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातमी ताजिया जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। जुलूस की शुरुआत इमामबाड़ों से हुई और ताजिए, परचम तथा प्रतीकात्मक घोड़े के साथ यह शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजर रहा था। प्रशासन और आयोजकों के बीच जुलूस के मार्ग को लेकर पहले ही बैठकें कर सहमति बन गई थी, जिसमें आयोजकों ने लिखित रूप से तय रूट पर जुलूस निकालने की बात मानी थी.
रविवार रात को जब जुलूस बेगम बाग क्षेत्र से होकर खजूरवाड़ी मस्जिद चौराहे पर पहुंचा, तो कुछ लोग तय मार्ग छोड़कर जुलूस को अब्दालपुरा-गीता कॉलोनी की ओर ले जाने लगे। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और प्रतीकात्मक घोड़े को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग और लाठीचार्ज करना पड़ा.
इस झड़प में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए और जुलूस में शामिल कई लोग मौके से भाग निकले। पुलिस ने आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला समेत 15 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि तय रूट का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इस घटना के बाद उज्जैन में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है, ताकि शहर में अमन-चैन कायम रहे।