पूर्व CIA अधिकारी जॉन किरियाकू ने सनसनीखेज दावा किया है कि पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार अब एक अमेरिकी जनरल के नियंत्रण में है। किरियाकू, जो पाकिस्तान में CIA के काउंटर-टेररिज्म ऑपरेटिव रह चुके हैं, ने एक वायरल वीडियो में कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अपने परमाणु हथियारों की कमांड और कंट्रोल औपचारिक रूप से एक अमेरिकी जनरल को सौंप दी है। उनके अनुसार, इस व्यवस्था से क्षेत्रीय परमाणु खतरा काफी हद तक कम हुआ है और यही वजह है कि हाल के वर्षों में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य स्तर पर आक्रामकता कम दिखाई है।
किरियाकू का दावा है कि एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी थी। उनका कहना है कि अमेरिका की यह भूमिका भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव को कम करने में निर्णायक रही है, खासकर उस समय जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंधूर’ के तहत पाकिस्तान के रणनीतिक नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल से हमला किया था, जो पाकिस्तान के परमाणु कमांड सेंटर के बेहद करीब है। इस हमले के बाद पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में भारी घबराहट देखी गई थी, क्योंकि वे नहीं जानते थे कि मिसाइल में परमाणु वारहेड है या नहीं।
हालांकि, यह दावा अब तक किसी आधिकारिक या स्वतंत्र स्रोत से पुष्ट नहीं हुआ है। पाकिस्तान की आधिकारिक नीति के अनुसार, उसके परमाणु हथियारों का नियंत्रण पूरी तरह उसकी सेना और ‘स्ट्रेटजिक प्लान्स डिवीजन’ (SPD) के पास है, जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) के तहत काम करता है। अमेरिकी प्रशासन ने भी कभी सार्वजनिक रूप से इस तरह की व्यवस्था की पुष्टि नहीं की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका ने जरूर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन योजनाएं बनाई हैं, लेकिन प्रत्यक्ष नियंत्रण या कमांड उसके पास नहीं है।