कुछ प्रमाण पत्र सिर्फ कागज़ नहीं होते – वे आत्मा की पहचान, और भविष्य की दिशा तय करते हैं। शुक्रवार 20 जून को डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर के सभागार में ऐसा ही एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण घटित हुआ, जब 801 पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया। दो दिवसीय विशेष नागरिकता शिविर में कुल 1765 विस्थापितों को यह गौरव प्राप्त हुआ वर्षों की प्रतीक्षा अब इतिहास हो गया।

जनगणना कार्य निदेशालय, राजस्थान के निदेशक श्री विष्णु चरण मल्लिक ने शिविर में उपस्थित होकर नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा- “नागरिकता सिर्फ एक अधिकार नहीं, यह एक जिम्मेदारी और गर्व की अनुभूति है। आप सभी अब भारत के समान अधिकारों वाले नागरिक हैं विकास की धारा में सहभागी बनें, और देश के लिए कर्तव्यों को भी आत्मसात करें।”
इस शिविर ने उन आंखों में चमक भर दी जो वर्षों से स्थायित्व की बाट जोह रही थीं। उन हाथों को स्थिरता दी, जो दस्तावेजों की तलाश में थे। और उन दिलों को ठहराव दिया, जो एक घर, एक देश और एक नई पहचान की लालसा में थे।
श्री मल्लिक ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित इस विशेष शिविर में जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा, पाली, फालोदी व जोधपुर में रह रहे पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान की गई। इस प्रक्रिया को सुगम, संवेदनशील और गरिमामयी बनाने हेतु केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संयुक्त प्रयास किए गए हैं।

यह शिविर सिर्फ सरकारी प्रक्रिया नहीं, भारत की मानवीय संवेदना और स्वीकार की संस्कृति का उदाहरण है जहां भौगोलिक सीमाएं मिटाकर दिलों को जगह दी जाती है। आज का दिन उन हज़ारों परिवारों के लिए नई सुबह की तरह है- जहाँ बच्चे स्कूल जाएंगे, युवा रोजगार पाएंगे और बुजुर्ग सम्मान से अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
#जोधपुर
— District Collector & Magistrate, Jodhpur (@JodhpurDm) June 20, 2025
"एक पहचान, जो अब स्थायी है" – जोधपुर में शुक्रवार को 801 पाक विस्थापितों को मिला भारतीय होने का गौरव
दो दिवसीय शिविर में कुल 1765 विस्थापितों को मिला भारतीय नागरिक होने का अधिकार
नागरिकता प्रमाण पत्र ने दिया सुरक्षा, सम्मान और समानता का भरोसा@DIPRRajasthan pic.twitter.com/xwojt7LugC