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अभिव्यक्ति के लिए सम्प्रेषण कौशल अनिवार्यः मिश्र

अभिव्यक्ति के लिए सम्प्रेषण कौशल अनिवार्यः मिश्र
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विश्व संवाद  केंद्र न्यास के उपाध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता एवं वक्ता डॉ नरेंद्र मिश्र

जोधपुर, 8 जुलाई।
जयनारायण व्यास विवि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.
नरेन्द्र मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र में चतुर्थ स्तंभ की भूमिका अप्रतिम
एवं निर्णायक है। समाचार आज इक्कीसवीं सदी का सूचना का प्रमुख स्रोत है।
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वे
आज नेहरू पार्क स्थित विश्व संवाद केन्द्र की ओर से पत्र लेखन कार्यशाला
के प्रथम सत्र को सम्बोधित कर रहे थे   उन्होंने कहा कि आज जिसके पास जितनी
सूचना है, वह उतना ही शक्तिशाली होता है। अभिव्यक्ति के लिए सम्प्रेषण
कौशल की अनिवार्यता है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए विधायिका, कार्यपालिका व
न्यायापालिका के साथ खबरपालिका की भूमिका असंदिग्ध है। भूमंडलीकरण के इस
दौर में जरूरत इस बात की है कि समाचार की विश्वसनीयता, प्रमाणिकता एवं
तथ्यपरकता से किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जाए। भारत को वैश्विक 
स्तर पर नेतृत्व करना है तो उसे सूचना संजाल से ओतप्रोत होना होगा। उन्होने
छः ककार का महत्व प्रतिपादित किया।

कार्यशाला के दूसरे सत्र में डा.
योगेश  शर्मा ने सम्पादक के नाम पत्र लेखन की बारिकियों पर चर्चा करते हुए
कहा कि सारगर्भित, विषय केन्द्रित, सुस्पष्ट एवं संक्षिप्त में लिखे पत्र
प्रभावी होते है। इसके लिए नियमित अध्ययन करने से विषय को समझने में आसानी
रहती है।

उन्होने बताया कि पत्र लेखन विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त
माध्यम है। इससे पूर्व विश्व  संवाद केन्द्र न्यास के उपाध्यक्ष डा. अनिल
गुप्ता ने मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि आज मीडिया
युगातंर स्थापित कर रही है।लेकिन उसे सचेत रहने की जरूरत है।

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कार्यशाला में भाग लेते हुए प्रतिभागीगण

भारत मां के
चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन  व मार्ल्यापण के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में
विश्व संवाद केन्द्र न्यास के सचिव प्रफुल्ल मेहता ने केन्द्र की
गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश  डालते हुए आभार जताया। संचालन विजय
अग्रवाल ने किया। कार्यशाला में 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी  की।

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