Vsk Jodhpur

-3 डिग्री तापमान में संघ का प्रशिक्षण ले रहे हैं स्वयंसेवक

3 डिग्री तापमान में संघ का प्रशिक्षण ले रहे हैं स्वयंसेवक

20170115 100513

20170115 100119शिमला.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्यकर्ता निर्माण के लिए वर्गों का विशेष
महत्व है. ऐसे वर्गों से ही देश और समाज के लिए देशभक्त, अनुशासित,
चरित्रवान और निःस्वार्थ भाव से काम करने वाले कार्यकर्ता तैयार होते हैं.
वह समाज के प्रति संवेदनशील बनते हैं, जो संकट के समय सबसे पहले लोगों की
मदद के लिए पहुँचते हैं. संघ स्थापना के बाद से ही ऐसे वर्गों की पद्धति
संघ में है. ऐसे वर्ग या तो मई-जून के महीने में लगते हैं, जब तापमान 45
डिग्री से अधिक रहता है या फिर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-काश्मीर जैसे
क्षेत्रों में सर्दियों में जब तापमान शून्य से नीचे चला जाता है.

ऐसा ही एक 20 दिवसीय वर्ग हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 8 जनवरी
से चल रहा है. यह प्रथम वर्ष का शिक्षण वर्ग है, जिसमें 16 से 40 वर्ष की
आयु के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. इस वर्ग में 205 स्वयंसेवक हिमाचल के 150
स्थानों से आये हैं. इन्हें शारीरिक, बौद्धिक कार्यक्रमों के माध्यम से
शिक्षण देने के लिए 20 से अधिक शिक्षक तथा व्यवस्था करने के लिए 40 से अधिक
प्रबन्धक है. शिक्षण लेने वालों में विद्यार्थी, अध्यापक, अधिवक्ता, कृषक
तथा व्यवसायी शामिल हैं.

otc 1
otc 3यह
प्रशिक्षण वर्ग अनेक कारणों से विशेष है. पहली बात शिमला में इस तरह का
पहला ही कैम्प लगा है. दूसरा जिस दिन यह वर्ग प्रारम्भ हुआ, उससे एक दिन
पूर्व हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात हुआ. जिससे अनेक मार्ग
अवरुद्ध हो गए. शिमला शहर में भी 2 से 3 फीट तक बर्फ गिरने के कारण आवागमन
बाधित हुआ.

कैम्प स्थान पर भी लगभग डेढ़ फीट तक बर्फ थी. सभी के मन में एक
ही प्रश्न था कि स्वयंसेवक शिमला तक कैसे पहुंचेंगे. लेकिन जो स्वयंसेवक
हररोज साधना करता है और गीत गाता है, ‘आंधी क्या तूफ़ान मिले, चाहे जितने
व्यवधान मिले, बढ़ना ही अपना काम है’ वह इन सब बाधाओं को पार करता हुआ आगे
बढ़ता है. और स्वयंसेवक सभी बाधाओं को पार करते हुए शिमला पहुंचे. अनेक
स्वयंसेवक 15 से 20 किलोमीटर (6-7 घंटे) तक अपना सामान कंधे पर उठाकर पैदल
पहुंचे और अनेक को 100 किलोमीटर का सफर अधिक तय करना पड़ा. इस समय शिमला का
तापमान -3 डिग्री तक पहुँच गया है. जिससे जनजीवन थम सा गया है. पानी की
पाइपें जम गई हैं जिससे पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. 3 दिनों तक शहर
में बिजली की सप्लाई भी बंद रही. मुसीबत तब और बढ़ गई, जब 16 जनवरी को फिर
बर्फवारी हो गई. लेकिन इस हाड कंपा देने वाली ठण्ड में भी स्वयंसेवक प्रातः
4.45 बजे से रात्रि 10.15 तक सभी कार्यक्रमों में उत्साह से भाग ले रहे
हैं. संघ 90 वर्षों से इन्ही विरोधों व अवरोधों को पार करता हुआ आगे बढ़ा है
और बढ़ रहा है.

सोशल शेयर बटन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Recent Stories

Scroll to Top