Vsk Jodhpur

स्वदेशी सांस्कृतिक चिन्तन मात्र से एकाकीपन होता है दूर – स्वामी अवधेशानन्द गिरी

स्वदेशी सांस्कृतिक चिन्तन मात्र से एकाकीपन होता है दूर – स्वामी अवधेशानन्द गिरी

swadeshi

जोधपुर 25 अक्टूबर 2015  भारत के पौराणिक साहित्य एवं उनके मौलिक तत्वों से परिपूर्ण स्वदेशी संस्कृति के चिन्तन मात्र से मनुष्य का एकाकीपन दूर होता है। समय बड़ा बलवान है और इस समय की अनुभूति हमें करनी चाहिए। प्रत्येक पल गुजरने के बाद पुनः नहीं आते ऐसे में जीवन में मिल रहे प्रत्येक पल को आनन्द के साथ व्यतीत करना नितान्त आवश्यक है। दूसरों में दोष ढूंढने की बजाय हम उनमें ईश्वर का वास मानते हुए हर नये दिन नये व्यक्ति से आशीर्वाद लेते हुए जीवन मूल्यों को स्थापित करें। यह विचार रविवार को जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के ब्रोसर का लोकार्पण कहे।

कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए कार्यक्रम के व्यवस्था प्रमुख एवं स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश सह-संयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने बताया कि देश भर में स्वदेशी आर्थिक नीतियों व सांस्कृतिक मूल्यों को अक्षुण रखने के लिए कार्य कर रहे स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय सम्मेलन जोधपुर में 25 से 27 दिसम्बर को आयोजित होगा। इस सम्मेलन में देश भर के 2000 से अधिक स्वदेशी कार्यकर्ताओं का वैचारिक मंथन आयोजित होगा।

सोशल शेयर बटन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Recent Stories

Scroll to Top