Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

समरसता के पक्ष में प्रबलता से कार्य होना जरूरी-डा. भगवती प्रकाश

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
समरसता के पक्ष में प्रबलता से कार्य होना जरूरी-डा. भगवती प्रकाश

संतों की तरह संघ भी परमार्थ के कार्य के लिए ही है
-डा. रूपचन्द दास
संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष (सामान्य) 2018 समारोह पूर्वक सम्पन्न
Bhagwati+Prakash+Ji+Udhbodhan+dete+hue
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक माननीय भगवती प्रकाश जी उध्बोधन देते हुए 

Dr+Rupchand+Das+ji
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. रूपचन्द दास जी गादीपति कबीर आश्रम माधोबाग मार्गदर्शन करते हुए  
Manch+Ka+ek+Drishy
मंच का एक दृश्य 

 जोधपुर 09 जून। दया, गरीबी, बंदगी, समता और शील ये
संतों के गुण है
, इसी द्वारा संत, सरोवर, वृक्ष एवं वर्षा
परोपकार के लिए कार्य करते है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक में भी
उपरोक्त सभी गुण समाविष्ट होते है। अतः इसीलिए संघ एवं संतों को परमार्थ का पर्याय
माना जाता है। ये विचार राजस्थान क्षेत्र के द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग सामान्य
के समापन के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. रूपचन्द दास जी गादीपति कबीर
आश्रम माधोबाग जोधपुर ने रखे।

                संघ शिक्षा वर्ग गत 20 मई से
प्रारम्भ हुआ जिसमें राजस्थान के सभी
33 सरकारी
एवं संघ दृष्टि से
63 जिलों के 278 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया इसके साथ 4 शिक्षार्थी राजस्थान से बाहर के भी आये। इन शिक्षार्थियों
में
5 अभियन्ता, 5 वकील, 63 शिक्षक-प्राध्यापक, 1 पत्रकार, 1 मजदूर,
67 व्यवसायी व कर्मचारी, 112 महाविद्यालय विद्यार्थी, एवं 24 विद्यालय विद्यार्थी ने भाग लिया।
                शिक्षार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु रेत से बर्तन मांझकर
जल बचाया
, तो एक दिन परिसर में वृक्षारोपण कर सभी को
पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। शिक्षार्थियों को प्रत्यक्ष श्रमानुभाव हेतु
20 मिनट का प्रतिदिन सेवा कार्यों का अभ्यास कराया गया। संघ के
कार्य हेतु आवश्यक कार्य प्रचार
, सम्पर्क, व्यवस्था, गौ सेवा, ग्राम विकास, धर्म जागरण
समन्वय का भी प्रशिक्षण दिया गया।
Jan+Samuh2
                वर्ग के समापन अवसर पर शिक्षार्थियों एवं समाज बन्धुओं को
सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक माननीय भगवती
प्रकाश जी ने कहा कि स्वस्थ समाज से ही सबल राष्ट्र का निर्माण होता है। राष्ट्र
का प्राचीन गौरव बोध
, राष्ट्र भाव का जागरण एवं स्वत्व
जगाने हेतु हम सब स्वयंसेवक है। हमारी सभ्यता एवं संस्कृति विश्व की प्राचीनतम
संस्कृति है। इसका प्रचार-प्रसार सम्पूर्ण विश्व में हुआ है। आज इस संस्कृति पर
आन्तरिक एवं बाह्य दोनों ओर से आक्रमण हो रहा है।
 आज
राष्ट्र में जातिवाद
, अलगाववाद, भाषा, प्रान्त, अगड़े-पिछड़े के झगड़ों में समाज को बाँटने के षड्यन्त्र चल रहे है, ऐसी परिस्थितियों में सामाजिक समरसता के पक्ष में प्रबलता से
कार्य होना जरूरी हो गया है। प्राचीन समरसता का भाव पुनः स्थापित करना स्वयंसेवक
का लक्ष्य होना चाहिए। मन्दिर
, श्मशान और जल स्थान,
इन तीनों जगहों पर बिना भेदभाव प्रवेश होना चाहिए।
राष्ट्र के बारे में विचार करने वाले सभी बन्धु भगिनी को जाग्रत होने की आवश्यकता
है। आर्थिक विषयों की चर्चा करते हुए श्री भगवती प्रकाश जी ने कहा कि आज चीन हमारे
आर्थिक क्षेत्र में कब्जा जमाने के प्रयासों में है। वही बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय
कम्पनियां भारत के रिटेल एवं
online व्यापार को भी हथियाने का प्रयास कर रही है। साथ ही देश में वामपंथी एवं
विदेशी इशारों पर कार्य करने वाले कुछ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा देश के विकास एवं
सामाजिक तानाबाना खत्म करने के कुत्सित प्रयास हो रहे है।
इन सबका
सामना राष्ट्रीय सोच को विकसित कर संगठित हिन्दू समाज की कर सकता है। संघ इसी
पुनीत कार्य में लगा हुआ है
, संघ की शाखाओं के
माध्यम से सम्पूर्ण देश में सामाजिक समरसता
, एकात्मता का भाव विकसित कर चरित्र वान, राष्ट्रभक्त नागरिकों का निर्माण किया जा रहा है। जो कि आज की आवश्यकता
है। उन्होंने समाज बन्धुओं का भी आहृान किया कि वे इस पुनीत कार्य में
सहभागी-सहयोगी बनें।
महानगर
संघचालक खूबचन्द जी खत्री ने मंच का परिचय कराया।
Niyudh+ki+ek+mudra
Sharirik+ka+ek+drishyकार्यक्रम
में शिक्षार्थियों ने प्रत्युत प्रचलनम् प्रदक्षिणा संचलन
, निःयुद्ध, दण्ड युद्ध, पद विन्यास, सामान्य दण्ड, योगासन, गण समता, सामूहिक समता, दण्ड एवं व्यायाम योग का सामूहिक
प्रदर्शन कर सभी का मन मोह लिया तो सभी शिक्षार्थियों ने एक स्वर में
‘‘स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश है अपना’’ के गीत के सम्वेत स्वर से मैदान को गुंजायमान कर दिया।
                कार्यक्रम में वर्ग के सर्वाधिकारी हरदयाल जी वर्मा ने आभार
प्रकट किया

jan+samuh
                कल सुबह दीक्षान्त समारोह के पश्चात् सभी शिक्षार्थी
अपने-अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करेंगे।
Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Tags
Archives
Scroll to Top