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रूसी खुफिया दस्तावेज लीक: ‘चीन है असली दुश्मन’, रूस के रणनीतिक नजरिए में बड़ा खुलासा

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हाल ही में एक लीक हुए रूसी खुफिया दस्तावेज ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इस दस्तावेज में रूस की सुरक्षा और सैन्य रणनीति को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें सबसे बड़ा खुलासा यह है कि रूस ने चीन को ‘मुख्य दुश्मन’ करार दिया है। यह दस्तावेज रूसी सैन्य खुफिया एजेंसी (GRU) से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें रूस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के बीच हुई गोपनीय चर्चाओं का उल्लेख है।

दस्तावेज के अनुसार, रूस के रणनीतिकारों का मानना है कि चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत भविष्य में रूस के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि पश्चिमी देशों और अमेरिका के साथ रूस के मतभेद और टकराव तो हैं, लेकिन दीर्घकालिक और वास्तविक चुनौती चीन से ही है। दस्तावेज में चीन की सीमा पर रूसी सैन्य तैनाती, साइबर सुरक्षा, ऊर्जा संसाधनों पर नियंत्रण और साइबेरिया क्षेत्र में चीनी प्रभाव को लेकर विशेष चिंता जताई गई है।

रूसी खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए और रूस को अपनी पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही, रूस को चीन के साथ तकनीकी साझेदारी और व्यापारिक संबंधों में भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि चीन की आर्थिक घुसपैठ और साइबेरिया के प्राकृतिक संसाधनों पर उसकी नजरें रूस की संप्रभुता के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं।

इस लीक के बाद अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि रूस और चीन के बीच दिखने वाली दोस्ती दरअसल रणनीतिक मजबूरी है, जबकि अंदरखाने दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास मौजूद है। यह दस्तावेज रूस-चीन संबंधों की वास्तविकता और भविष्य की संभावित कूटनीतिक चुनौतियों को उजागर करता है।

रूस की ओर से अभी तक इस लीक पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह खुलासा दोनों देशों के बीच रिश्तों की जमीनी सच्चाई को सामने लाता है। आने वाले समय में यह लीक वैश्विक राजनीति, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।

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