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रामदेवरा में लोक देवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ का होगा आयोजन, जोधपुर में हुई बड़ी बैठक

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रामदेवरा में होगा भव्य “लोक देवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ” — जनसेवा का अनुपम पर्व

रामदेवरा, वह पावन धरा जहां लोक आस्था और श्रद्धा की निर्झरिणी प्रवाहित होती है, अब साक्षी बनेगी एक और ऐतिहासिक सेवा यज्ञ की। 1 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक, कुल 33 दिवसीय “लोक देवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ” का भव्य आयोजन रामदेवरा में होने जा रहा है — एक ऐसा नेत्र महाशिविर, जो सेवा, समर्पण और संवेदना की त्रिवेणी बनेगा।

इस महायज्ञ की रूपरेखा तय करने हेतु 23 मई शुक्रवार को जोधपुर में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डॉ. हेडगेवार भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सक्षम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री चंद्रशेखर जी ने बताया कि यह आयोजन प्रयागराज में हुए नेत्र कुंभ की तर्ज पर होगा, जहां लाखों जातरूओं को निःशुल्क नेत्र जांच, चश्मा वितरण, दवा एवं उत्कृष्ट नेत्र सर्जरी की सुविधा दी जाएगी।

11 जून को जयपुर में एवं 13 जून को जोधपुर में प्रेस वार्ताएं होंगी। 16 जून को जोधपुर में होगा “नेत्र कुंभ शंखनाद” — यह होगी विधिवत शुरुआत की प्रथम सीढ़ी। 29 जून को भूमि पूजन के साथ निर्माण कार्य का श्रीगणेश रामदेवरा की पावन भूमि पर होगा।

इस सेवा महायज्ञ के संचालन हेतु पाँच समितियों का गठन लगभग पूर्ण हो चुका है — संरक्षण मंडल, सलाहकार समिति, स्वागत समिति, आयोजन समिति और संचालन समिति। कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक होंगे सीमाजन कल्याण समिति के श्री स्वरूप दान जी, जबकि प्रमुख प्रबंध प्रमुख की भूमिका निभाएंगे सक्षम जोधपुर के प्रांत सचिव श्री सुरेश मेवाड़ा। चिकित्सा विभाग की कमान संभालेंगे डॉ. देवेश जौहरी।

बैठक में सक्षम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कमल कुमार जी, तथा सीमाजन कल्याण समिति, सेवा भारती, नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विद्या भारती, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय शिक्षक संघ, क्रीड़ा भारती जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों की सशक्त उपस्थिति रही।

इस दिव्य आयोजन में राज्य सरकार, जन सेवा समिति जैसलमेर एवं बाबा रामदेव ट्रस्ट जैसे संस्थान भी सहभागिता कर इस पुण्य पर्व को और अधिक विराट स्वरूप देंगे।

यह नेत्र कुंभ केवल चिकित्सा सेवा नहीं, यह है उस परंपरा का पुनर्जीवन — जहाँ “जन सेवा ही प्रभु सेवा” है। रामदेवरा एक बार फिर इतिहास लिखने जा रहा है — श्रद्धा की आँखों से, सेवा के हाथों से।

ॐ रामदेवाय नमः।

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