विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी के साथ नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान साफ शब्दों में कहा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की तुलना पाकिस्तान से स्वीकार नहीं करेगा। जयशंकर ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति अपनाते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारे साझेदार भी इसे समझें। हम कभी भी आतंक के अपराधियों को उनके पीड़ितों के बराबर नहीं मान सकते।”
वार्ता के मुख्य बिंदु
- आतंकवाद पर सख्त रुख: जयशंकर ने ब्रिटेन को हाल ही में पहलगाम में हुए “बर्बर” आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
- पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद: जयशंकर ने डेविड लैमी के सामने पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया और स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बाद दोनों देशों की तुलना करना अनुचित है।
- आर्थिक और रणनीतिक सहयोग: दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस कन्वेंशन को द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर बताया, साथ ही व्यापार, तकनीक, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
- आतंकवाद के वित्तपोषण और सूचना साझाकरण: दोनों देशों ने आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने, कानून प्रवर्तन सहयोग और इंटेलिजेंस शेयरिंग को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
ब्रिटेन का रुख
ब्रिटिश विदेश सचिव लैमी ने भी माना कि भारत में आतंकवाद की चुनौती गंभीर है और ब्रिटेन भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाना चाहता है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के बाद बने नाजुक हालात पर भी चिंता जताई और कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए दोनों देशों के बीच संवाद जरूरी है।
जयशंकर का स्पष्ट संदेश था कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की “ब्रैकेटिंग” या तुलना को सिरे से खारिज करता है। भारत अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से भी उम्मीद करता है कि वे इस सख्त नीति को समझें और समर्थन करें।