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भारत ने विकसित किया अत्याधुनिक सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम जैमर, चीन के BeiDou सैटेलाइट्स को दक्षिण एशिया में बाधित करेगा

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भारत ने हाल ही में एक अत्याधुनिक सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम (SNS) जैमर विकसित किया है, जो चीन के BeiDou सहित सभी प्रमुख ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम्स (GPS, GLONASS, Galileo, NavIC) के सिग्नल्स को बाधित करने में सक्षम है। यह जैमर भारत के रक्षा अनुसंधान तंत्र द्वारा विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में चीन की सैटेलाइट-आधारित सैन्य क्षमताओं को निष्क्रिय करना है।

यह SNS जैमर रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) जामिंग सिग्नल्स उत्पन्न करता है, जिससे दुश्मन के सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम्स की कार्यक्षमता बाधित हो जाती है। इसकी मॉड्यूलर आर्किटेक्चर इसे सभी प्रमुख सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम्स के दोहरे फ्रीक्वेंसी बैंड्स को टारगेट करने की क्षमता देती है, जिससे भविष्य में इसे और भी GNSS सिग्नल्स के लिए अपग्रेड किया जा सकता है। यह तकनीक आधुनिक युद्ध की बदलती जरूरतों के अनुसार डिज़ाइन की गई है, जहां सटीक नेविगेशन और लोकेशन डेटा पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है।

चीन का BeiDou सिस्टम 2020 में पूरी तरह से वैश्विक स्तर पर चालू हुआ था और यह चीन की सैन्य तथा नागरिक क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण है। भारत द्वारा विकसित यह जैमर चीन के BeiDou सिग्नल्स को ब्लॉक कर सकता है, जिससे संभावित संघर्ष की स्थिति में चीन की रणनीतिक बढ़त को निष्क्रिय किया जा सकता है, खासकर लद्दाख जैसे संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में।

यह जैमर फिलहाल ग्राउंड-बेस्ड है और इसे भारतीय सीमाओं के पास तैनात किया जा रहा है। इसकी मदद से भारत न केवल अपने सैन्य ठिकानों और महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर को सैटेलाइट-गाइडेड मिसाइलों व अन्य हथियारों से बचा सकता है, बल्कि दुश्मन की सैटेलाइट-आधारित गतिविधियों को भी रोक सकता है।

यह तकनीकी उपलब्धि भारत की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाती है और भविष्य में भारतीय रक्षा को और मजबूत बनाती है।

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