राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। ईद के दिन कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने 4-5 गायों के कान काट दिए, जिससे क्षेत्र में आक्रोश और तनाव का माहौल बन गया है। इस क्रूर घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना बाड़मेर शहर के एक इलाके में हुई, जहां गायें खुले में चर रही थीं। अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से गायों के कान काटे, जिससे गायों को गंभीर चोटें आईं, मौके से पुलिस ने धारदार हथियार भी बरामद किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गायें दर्द से कराह रही थीं, और खून से लथपथ थीं। घटना की खबर फैलते ही आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई
बाड़मेर कोतवाली ने शिकायत मिलते ही पुलिस टीम और पशु चिकित्सा टीम FSL भी मौके पर पहुंची और घायल गायों को पशु चिकित्सकों के पास भेजा गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर संदिग्धों की तलाश जारी है। पुलिस ने आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी निंदा हो रही है। कई यूजर्स ने इसे “धर्म और संस्कृति पर हमला” करार दिया, जबकि अन्य ने इसे पशु क्रूरता का जघन्य कृत्य बताया। स्थानीय हिंदू संगठनों और गौ रक्षक दलों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। वहीं, कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग न देकर इसे पशु क्रूरता के दृष्टिकोण से देखा जाए।
पशु चिकित्सकों ने घायल गायों का इलाज शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि गायों के कान गहरे कटे हैं, और कुछ को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। पशु कल्याण संगठनों ने भी प्रभावित गायों की देखभाल के लिए टीम को तैनात किया है।
जिलाधिकारी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना न केवल पशु क्रूरता का एक गंभीर मामला है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी चुनौती बन सकती है। पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।