भारतवर्ष में धार्मिक यात्राएँ केवल आध्यात्मिक अनुभव नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सेवा का प्रतीक भी हैं। इसी भावना को साकार कर रहा है – “नेत्र कुम्भ 2025”, जो अब राजस्थान के लोकदेवता बाबा रामदेव की पावन भूमि – रामदेवरा में आयोजित होने जा रहा है।
प्रयागराज से रामदेवरा तक नेत्र सेवा की चेतना
प्रयागराज में आयोजित नेत्र कुम्भ की अपार सफलता के बाद अब यह जनसेवा का पर्व रामदेवरा की भूमि पर अपनी नई यात्रा शुरू कर रहा है। हजारों लोगों को नेत्र जांच, ऑपरेशन और नेत्रदान के माध्यम से नई रोशनी देने वाला यह अभियान अब राजस्थान के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को जोड़ने जा रहा है।
आरएसएस का सामाजिक संगठन “सक्षम” इस महायोजना का नेतृत्व कर रहा है
इस आयोजन का नेतृत्व कर रहा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा दिव्यांगजन सेवा क्षेत्र का प्रमुख संगठन “सक्षम”, जो वर्षों से नेत्र, श्रवण, और अन्य दिव्यांग सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।
सक्षम इस बार अन्य कई सामाजिक, धार्मिक, और चिकित्सीय संगठनों के सहयोग से इस आयोजन को 01 अगस्त से 02 सितंबर 2025 तक रामदेवरा में आयोजित करेगा।
सेवा और संस्कार से भरा होगा आयोजन:
मुफ्त नेत्र जांच शिविर: अनुभवी नेत्र चिकित्सकों द्वारा आधुनिक उपकरणों से जांच।
नेत्र ऑपरेशन की सुविधा: चिन्हित मरीजों के लिए ऑपरेशन और परामर्श।
नेत्रदान जागरूकता अभियान: ‘मरणोपरांत नेत्रदान’ को लेकर जागरूकता कार्यक्रम।
सेवा शिविर: भोजन, विश्राम, प्राथमिक उपचार और जानकारी केंद्र।
धार्मिक-सांस्कृतिक संगोष्ठियाँ: रामदेव बाबा की शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रम।
रामदेवरा – सेवा और श्रद्धा की भूमि
बाबा रामदेव की भूमि पर इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ चिकित्सा नहीं, बल्कि समाज में समरसता, संवेदना और सहयोग की भावना को जागृत करना है।
“सक्षम” और RSS की प्रेरणा से यह आयोजन समाज के हर वर्ग को जोड़ने जा रहा है – डॉक्टर, विद्यार्थी, युवा, ग्रामीण, स्वयंसेवक, धार्मिक संस्थाएँ और आम श्रद्धालु।
आओ, रोशनी बांटें – भाग लें नेत्र कुम्भ 2025 में
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आप भी इस नेत्र कुम्भ से जुड़ें।
बनें किसी की आँखों की रोशनी का कारण।
रामदेवरा आपका स्वागत करता है!