यह समाचार “दुर्गावाहिनी का सात दिवसीय शौर्य प्रशिक्षण बौद्धिक सत्र” पर आधारित है, जिसमें राष्ट्र सेविका समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। यह वर्ग 19 से 25 मई 2025 तक चला, जिसमें बड़ी संख्या में युवतियों ने भाग लिया।
इस बौद्धिक सत्र में संगठन मंत्री श्री राजाराम जी ने कहा कि “सनातन हिन्दू संस्कृति विश्व वंदनीय है।” उन्होंने युवतियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है कि हम अपनी संस्कृति और मूल्यों की रक्षा करें। वर्तमान समय में मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनना जरूरी है ताकि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दिया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षण वर्ग में शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ वैचारिक सत्रों का आयोजन भी किया गया, जिनमें राष्ट्र और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।
शिक्षिका बहनों ने आत्मरक्षा, अनुशासन, चरित्र निर्माण और सामाजिक नेतृत्व की दृष्टि से इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया। आयोजन का उद्देश्य युवतियों को आत्मविश्वासी, सशक्त और सामाजिक कार्यों में अग्रणी बनाना था। प्रशिक्षण के दौरान दैनिक जीवन में संस्कृति का महत्व, राष्ट्रप्रेम, महिलाओं की भूमिका और नेतृत्व क्षमता जैसे विषयों पर भी मार्गदर्शन दिया गया।
इस प्रकार यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने और समाज सेवा की प्रेरणा मिलती है।
दुर्गावाहिनी शौर्य प्रशिक्षण वर्ग : संस्कृति, आत्मरक्षा और राष्ट्रसेवा का संगम
- Rohitash godaraa
- May 23, 2025
- 10:16 pm

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Tags