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दिल्ली क्लासरूम घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: 37 ठिकानों पर छापेमारी, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जांच के घेरे में

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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण से जुड़े लगभग ₹2,000 करोड़ के कथित घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को राजधानी और एनसीआर के 37 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई, जिसमें तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन समेत कई ठेकेदारों व निजी संस्थाओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

एफआईआर के अनुसार, दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,748 क्लासरूम के निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितताएं और लागत में अनावश्यक बढ़ोतरी की गई। आरोप है कि निर्माण लागत को अनुचित रूप से बढ़ाकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया और ठेकेदारों को नियमों के विरुद्ध लाभ पहुंचाया गया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बजट को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया गया और ठेके देने की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता नहीं बरती गई।

ईडी की टीमें इन 37 ठिकानों पर दस्तावेज, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल सबूत जुटाने में लगी हैं, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और पैसे के हेरफेर की कड़ियां सामने लाई जा सकें। इस मामले में मनीष सिसोदिया को दूसरी बार समन भेजा गया है और उन्हें 20 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, जबकि सत्येंद्र जैन से पहले ही पूछताछ हो चुकी है।

इस घोटाले की रकम लगभग ₹2,000 करोड़ आंकी गई है, जिसमें सरकारी पैसे के दुरुपयोग, लागत में अनावश्यक बढ़ोतरी और प्रक्रियागत अनियमितताओं के आरोप हैं। आम आदमी पार्टी ने इन छापों को राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि ईडी और एसीबी का कहना है कि जांच पूरी तरह तथ्यों और सबूतों पर आधारित है।

इस कार्रवाई से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है और शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

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