थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है और दोनों देशों ने अपनी-अपनी सीमा पर बड़ी संख्या में सेना तैनात कर दी है। यह स्थिति मई में हुई एक घातक झड़प के बाद पैदा हुई है, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी।
मुख्य तथ्य:
- सैन्य तैनाती: थाईलैंड ने अपनी सीमा पर सेना बढ़ा दी है, क्योंकि उसे कंबोडिया की ओर से भी सैनिकों की संख्या में बढ़ोतरी की सूचना मिली है।
- तनाव का कारण: 28 मई को एक अनिर्धारित सीमा क्षेत्र में हुई झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
- राजनयिक कोशिशें: दोनों सरकारों ने बयान जारी कर बातचीत और शांति की बात कही है, लेकिन सैन्य तैनाती और सीमा पर तनाव बना हुआ है।
- सीमा पार यातायात पर रोक: थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ 10 सीमा चौकियों पर यातायात के समय में कटौती कर दी है और कुछ चौकियों को पर्यटकों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- सैन्य तत्परता: थाईलैंड की सेना ने कहा है कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो “हाई-लेवल ऑपरेशन” भी शुरू किया जा सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय पहल: मलेशिया के प्रधानमंत्री और चीन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।
- सीमा विवाद का इतिहास: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसे लेकर 100 साल से विवाद चल रहा है। पहले भी 11वीं सदी के हिंदू मंदिर प्रीह विहियर को लेकर दोनों देशों के बीच झड़पें हुई हैं।
- कंबोडिया की कार्रवाई: कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में सीमा विवाद को लेकर शिकायत दर्ज करने की घोषणा की है, जबकि थाईलैंड ने अदालत के अधिकार क्षेत्र को नहीं माना है और द्विपक्षीय बातचीत की मांग की है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं, जिसमें दोनों देशों ने सेना की संख्या बढ़ा दी है। स्थिति को शांत करने की कोशिशें जारी हैं लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।