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तुर्की समर्थित ‘Greater Bangladesh’ नक्शा: भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा

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1. राष्ट्रीय अखंडता पर सीधा हमला
तुर्की-समर्थित बांग्लादेशी समूह द्वारा ‘Greater Bangladesh’ का नक्शा जारी करना भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर सीधा हमला है। इसमें असम, बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड के हिस्से शामिल दिखाए गए हैं-जो भारत के लिए अस्वीकार्य और भड़काऊ है।

2. पूर्वोत्तर में अस्थिरता और अलगाववाद को बढ़ावा
इस तरह के नक्शे और विचारधारा पूर्वोत्तर भारत में अलगाववादी ताकतों और कट्टरपंथी समूहों को बल दे सकते हैं। इससे क्षेत्र में सामाजिक तनाव, सांप्रदायिकता और अस्थिरता बढ़ने का खतरा है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां पैदा होंगी।

3. सुरक्षा और सीमा प्रबंधन पर असर
‘Greater Bangladesh’ जैसी अवधारणाएं सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ, अवैध प्रवास, और तस्करी जैसी समस्याओं को और गंभीर बना सकती हैं। इससे भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी और सुरक्षा प्रबंधन पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।

4. भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर की रणनीति
तुर्की का इस अभियान में शामिल होना संकेत देता है कि वह पाकिस्तान की तरह भारत के खिलाफ ‘प्रॉक्सी वॉर’ की रणनीति अपना सकता है-जहां कट्टरपंथी समूहों, एनजीओ और सोशल मीडिया के जरिए भारत विरोधी भावनाएं भड़काई जाएंगी।

5. कूटनीतिक और रणनीतिक प्रतिक्रिया की जरूरत
भारत को तुर्की और बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक स्तर पर सख्त विरोध दर्ज कराना चाहिए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरह के भड़काऊ प्रचार के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। पूर्वोत्तर राज्यों में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एकीकरण को मजबूत करना भी ज़रूरी है।

‘Greater Bangladesh’ का नक्शा भारत की क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है। यह भारत के लिए सतर्कता, कूटनीतिक सक्रियता और आंतरिक एकता को और मजबूत करने का समय है।

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