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जी7 समिट में भारत को न्योता: कारण और महत्व

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन (15-17 जून, 2025, अल्बर्टा, कनाडा) में आमंत्रित किया है। जानिए इसके पीछे की वजहें और इसका वैश्विक महत्व:

भारत को न्योता क्यों?

  • आर्थिक और जनसंख्या शक्ति: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे अधिक आबादी वाला देश भी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में केंद्रीय भूमिका: कार्नी ने कहा कि भारत कई महत्वपूर्ण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में है, इसलिए उसकी भागीदारी इन चर्चाओं के लिए जरूरी है।
  • समकालीन मुद्दों पर चर्चा: जी7 समिट में ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल भविष्य, महत्वपूर्ण खनिज, और उभरते देशों में बुनियादी ढांचे पर चर्चा होगी, जिनमें भारत की भूमिका अहम है।
  • राजनीतिक आलोचना के बावजूद: 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हत्या के मामले में भारत पर लगे आरोपों के बावजूद, कार्नी ने स्पष्ट किया कि भारत जैसे देशों को इन चर्चाओं में शामिल करना जरूरी है।

भारत-कनाडा संबंधों में नया अध्याय

  • संबंधों में सुधार: जस्टिन ट्रूडो के समय दोनों देशों के रिश्तों में तनाव था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मार्क कार्नी ने रिश्ते सुधारने की पहल की है।
  • कानून प्रवर्तन वार्ता: दोनों देश कानून प्रवर्तन सहयोग और संवाद जारी रखने पर सहमत हुए हैं, जिससे जवाबदेही और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हुई है।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

“कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई… जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद। भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे।”

भारत की वैश्विक आर्थिक, जनसांख्यिक और रणनीतिक भूमिका को देखते हुए, जी7 जैसे मंच पर उसकी भागीदारी न केवल आवश्यक है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और समकालीन मुद्दों पर संतुलित चर्चा के लिए भी अहम है।

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