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जापान में गाय के गोबर से जैवमीथेन ईंधन उत्पादन: अंतरिक्ष से लेकर कृषि और समुद्री परिवहन तक क्रांतिकारी बदलाव

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जापान पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोतों की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा रहा है। गाय के गोबर से तैयार किए गए जैवमीथेन ईंधन का उपयोग अब रॉकेट, कृषि मशीनरी और समुद्री जहाजों को शक्ति देने के लिए किया जा रहा है। यह अनूठी पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा स्वतंत्रता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

जापान की अंतरिक्ष कंपनी इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज ने हाल ही में गाय के गोबर से बने जैवमीथेन ईंधन का उपयोग करके एक प्रोटोटाइप रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण जापान के ताईकी शहर में किया गया, जहाँ रॉकेट ने लगभग 10 सेकंड तक उड़ान भरी और 30 से 50 फीट की ऊँचाई तक आग की लपटें फेंकी।

इस रॉकेट में इस्तेमाल किया गया जैवमीथेन पूरी तरह से स्थानीय डेयरी फार्मों से प्राप्त गाय के गोबर से तैयार किया गया था। इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के सीईओ ताकाहिरो इनागावा ने बताया कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन का उत्पादन करना है। उन्होंने कहा, “हम ऐसा करने वाले पहले निजी व्यवसाय हैं, और मुझे विश्वास है कि इसे दुनिया भर में अपनाया जाएगा।”

जापान के होक्काइडो क्षेत्र में किसान अपने मवेशियों के गोबर को बायोगैस उत्पादन के लिए प्रदान कर रहे हैं, जिसे जैवमीथेन में परिवर्तित किया जाता है। यह न केवल ऊर्जा उत्पन्न करता है, बल्कि उर्वरक और पशु बिस्तर सामग्री का उत्पादन भी करता है।

इस स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों को चलाने के लिए किया जा सकता है, जिससे कृषि को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जा सके। इस परियोजना में एयर वाटर नामक कंपनी भी शामिल है, जो स्थानीय किसानों से गोबर एकत्रित करती है और उसे बायोगैस में परिवर्तित करती है। एयर वाटर के इंजीनियर टोमोहिरो निशिकावा ने बताया कि जापान को घरेलू स्तर पर कार्बन-न्यूट्रल ऊर्जा की आवश्यकता है, और गायों से प्राप्त गोबर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है।

मित्सुई ओएसके लाइन्स (MOL) नामक जापानी कंपनी समुद्री जहाजों के लिए जैवमीथेन ईंधन के उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन कर रही है। इस पहल का उद्देश्य समुद्री परिवहन को कार्बन मुक्त बनाना है, जिसमें एलएनजी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया जाएगा। यदि यह सफल होता है, तो यह वैश्विक समुद्री परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण हरित विकल्प बन सकता है।

जैवमीथेन ईंधन के लाभ

पर्यावरणीय प्रभाव: पारंपरिक ईंधनों की तुलना में जैवमीथेन से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आती है। कुछ मामलों में, यह नकारात्मक उत्सर्जन भी प्राप्त कर सकता है।

लागत प्रभावशीलता: पारंपरिक रॉकेट ईंधनों की तुलना में जैवमीथेन उत्पादन सरल और सस्ता है, साथ ही इसकी शुद्धता और प्रदर्शन भी उच्च होता है।

ऊर्जा स्वतंत्रता: स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके जापान अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है और आयातित ईंधनों पर निर्भरता कम कर सकता है।

इस तकनीक का उपयोग केवल रॉकेटों तक सीमित नहीं रहेगा; भविष्य में इसे सैटेलाइट लॉन्चिंग और अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। इससे न केवल ऊर्जा की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम करेगा।

जापान की यह अनूठी पहल न केवल पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने में सहायक है, बल्कि विभिन्न उद्योगों में व्यावहारिक समाधान भी प्रदान करती है। अंतरिक्ष, कृषि और समुद्री परिवहन में जैवमीथेन का उपयोग एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, जिससे दुनिया भर में हरित ऊर्जा की संभावनाएं मजबूत होंगी। यह न केवल स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि वैश्विक ऊर्जा संकट के समाधान में भी सहायक साबित हो सकता है।

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