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चीन ने शुरू की पश्चिमी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को लुभाने की प्रोपेगेंडा मुहिम

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चीन ने अपने प्रोपेगेंडा अभियान में एक नया और दिलचस्प मोड़ लाते हुए अब पश्चिमी देशों के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को आकर्षित करने की पहल शुरू की है। चीनी सरकार अब इन ऑनलाइन हस्तियों को महंगे, सभी खर्चों से मुक्त पर्यटन पर देश में आमंत्रित कर रही है — और यह सब अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन की सकारात्मक छवि गढ़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

हाल ही में सामने आए एक वीडियो रिपोर्ट “Inside China’s Influencer Propaganda Machine” में इस रणनीति का खुलासा किया गया है। वीडियो के मुताबिक, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को चीन सरकार द्वारा खासतौर पर बुलाया जा रहा है। उन्हें फाइव-स्टार होटल, भव्य भोज, और सुनियोजित पर्यटन स्थलों की सैर कराई जाती है — और बदले में उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने फॉलोअर्स को “असल चीन” की झलक दिखाएं।

हालांकि, यह “असल चीन” सरकार द्वारा स्वीकृत और नियंत्रित छवि है, जिसमें सेंसरशिप, मानवाधिकार हनन, और उइगर मुसलमानों की स्थिति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चुप्पी साधी जाती है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह चीन का एक आधुनिक प्रोपेगेंडा मॉडल है, जिसमें पूंजीवादी तरीके — ब्रांडिंग, प्रभावशाली मार्केटिंग और डिजिटल प्रभाव — का उपयोग करके साम्यवादी सत्ता की छवि को सुधारने की कोशिश की जा रही है।

चीन का उद्देश्य साफ है: विदेशी युवाओं को प्रभावित करना, विशेष रूप से उन प्लेटफॉर्म्स के जरिए जो सरकार की पहुंच से बाहर हैं। इसके ज़रिए वह एक वैकल्पिक नैरेटिव बनाना चाहता है, जो पश्चिमी मीडिया की आलोचनाओं को संतुलित कर सके।

वहीं, कई मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रवृत्ति की आलोचना की है और इसे “डिजिटल व्हाइटवॉशिंग” की संज्ञा दी है। वे इसे एक तरह का “नरम शक्ति” (soft power) विस्तार मानते हैं, जो युवाओं की सोच को प्रभावित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

क्या यह रणनीति सफल होगी या वैश्विक आलोचना के बीच और अधिक सवाल उठाएगी — यह तो समय ही बताएगा।

source : https://youtu.be/x-DsInh1lGk

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