Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

TRANDING
TRANDING
TRANDING

चीन द्वारा रेयर अर्थ निर्यात पर रोक: वैश्विक अलार्म और भारत पर असर

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

अप्रैल 2025 से चीन ने सात प्रमुख रेयर अर्थ तत्वों (जैसे समेरियम, गैडोलिनियम, टरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम, और इट्रियम) और उनसे बने मैग्नेट्स के निर्यात पर सख्त लाइसेंसिंग लागू कर दी है।

चीन का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और नॉन-प्रोलिफरेशन के लिए है।

चीन दुनिया की 60% रेयर अर्थ माइनिंग और करीब 90% रिफाइनिंग क्षमता पर नियंत्रण रखता है।

भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंडस्ट्री, स्मार्टफोन, डिफेंस और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में रेयर अर्थ मेटल्स की भारी निर्भरता है, और इनका बड़ा हिस्सा चीन से आता है।

सप्लाई बाधित होने से लागत बढ़ेगी, प्रोडक्शन में देरी होगी, और इंडस्ट्री को वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी पड़ेगी।

अमेरिका, यूरोप, जापान समेत कई देश चीन से आपातकालीन बातचीत कर रहे हैं ताकि निर्यात लाइसेंस जल्दी जारी हो सकें।

सप्लाई चेन में बाधा आने से वैश्विक कीमतों में उछाल और उत्पादन में रुकावटें आ रही हैं।

भारत को रेयर अर्थ सप्लाई के लिए चीन पर निर्भरता कम करने, घरेलू प्रोसेसिंग बढ़ाने और अन्य देशों (जैसे ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम) से आयात के विकल्प तलाशने होंगे।

दीर्घकालिक समाधान के लिए सरकार को निवेश, तकनीक और पर्यावरणीय मानकों पर ध्यान देना जरूरी है।

चीन की रेयर अर्थ निर्यात पाबंदी ने भारत समेत पूरी दुनिया को सप्लाई चेन की कमजोरी दिखा दी है। भारत के लिए यह आत्मनिर्भरता और वैकल्पिक स्रोतों की खोज का समय है, वरना तकनीकी और औद्योगिक विकास बाधित हो सकता है।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top