
ग्वालियर, 21 जुलाई 2025 – ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने अपने मानसिक दिवालियापन को प्रदर्शित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की और कहा कि, “जो मर्द थे वो जंग में गए, जो #*$# थे वो संघ में गए।”
यह बयान न केवल अमर्यादित और असभ्य है, बल्कि उस संगठन का घोर अपमान है जिसने अपनी स्थापना से लेकर आज तक राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। जब व्यक्ति अपने पतन की ओर उन्मुक्त होता है तब इस तरह की की निम्न स्तर की बयान बाजी करता है और रामधारी सिंह दिनकर का एक वक्तव्य है कि *जब नाश मनुज पर छाता है तो पहले उसका विवेक मर जाता है* , इनकी यह राष्ट्र विरोधी मानसिकता बहुत जल्द इनको गहरे गर्त में लेकर जाएगी क्योंकि RSS सेवा, त्याग और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई और आज यह अपने सौ वां शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है और उसके साथ मनुष्य,जीव जंतु,प्रकृति से लेकर संपूर्ण विश्व का कल्याण हो ऐसी भावना को आत्मसात करते हुए पूरे विश्व के उद्धार की बात सोचने वाला संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है और अपने त्याग तपस्या और कर्तव्यनिष्ठ कर्म पर चलते हुए विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बना है।
स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग से लेकर आज़ादी के बाद राष्ट्र निर्माण और आपदा राहत, समाज के सभी अंगों को साथ लेकर एक सशक्त राष्ट्र निर्माण में RSS की भूमिका निर्विवाद है।
भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में समस्त संसार को अपना परिवार की भावना के रूप में देखने वाला संगठन बाढ़, भूकंप, महामारी जैसे हर संकट में RSS स्वयंसेवक सबसे पहले पहुँचते हैं, हजारों साल से सोए हुए भारतीय समाज को जागृत कर एकता के सूत्र में पिरोने वाला संगठन जातिगत भेदभाव मिटाकर समाज में एकता लाना RSS का ध्येय है उसके साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्राम विकास जैसे हजारों प्रकल्प केवल समाजसेवा के लिए चलते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संत रूपी त्यागमयी प्रचारक अपने परिवार और निजी जीवन का बलिदान राष्ट्र निर्माण के हवन कुंड में आहुत करते हैं ।RSS की सबसे अनोखी शक्ति और त्याग उसके स्वयंसेवकों के साथ उनके पूर्णकालिक प्रचारक हैं वे अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा और व्यक्तिगत जीवन त्यागकर केवल राष्ट्रसेवा को समर्पित कर देते हैं।
उन्हें कोई वेतन या व्यक्तिगत लाभ नहीं मिलता, फिर भी संपूर्ण जीवन सेवा के लिए अर्पित कर देते हैं।डॉ. हेडगेवार जी से लेकर हजारों प्रचारक आज भी अविवाहित रहकर समाज के लिए ही जीते हैं।ऐसे लोगों को अपमानित करना त्याग, सेवा और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को ठुकराने जैसा है।
गुर्जर का बयान लोकतंत्र को कलंकित करने वाला वक्तव्य राजनीति की गरिमा को गिराने वाला और समाज को बांटने वाला है। यह करोड़ों राष्ट्रभक्त स्वयंसेवकों पर घिनौना प्रहार है, जिन्होंने किसी स्वार्थ से नहीं बल्कि केवल राष्ट्रप्रेम से सेवा की।लोकतंत्र में मतभेद होना स्वाभाविक है, परंतु अश्लील भाषा और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग निंदनीय और अस्वीकार्य है।यह बयान बताता है कि किस हद तक कुछ नेता और राजनीतिक दल वोटबैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रसेवा करने वाले संगठन को नीचा दिखाने से भी नहीं हिचकते।
देशभर में जबरदस्त आक्रोश – माफी की मांग तेज़
जनता ने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर और जगह जगह कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोग कह रहे हैं
“जो संगठन बिना किसी लोभ के समाज को जोड़ने का काम करता है, उसके लिए ऐसे शब्द बोलना सिर्फ RSS नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की भावनाओं का और भारत का अपमान है।”
कई संगठनों ने मांग की है कि कांग्रेस नेतृत्व तुरंत इस बयान पर सफाई दे और RSS तथा देशवासियों से सार्वजनिक माफी मांगे। यह केवल RSS नहीं, राष्ट्र का अपमान साहब सिंह गुर्जर जैसे मानसिक पंगु का बयान घृणास्पद, असभ्य और तथ्यहीन है।
यह सिर्फ RSS को नहीं, बल्कि उन मूल्यों का अपमान है जिन पर यह देश खड़ा है त्याग, सेवा और राष्ट्रभक्ति का अपमान है।
राजनीतिक मतभेद लोकतंत्र में ज़रूरी हैं, लेकिन उसे संगठन को निशाना बनाना जो विशुद्ध रूप से गैर राजनीतिक संगठन है और अपने निजी स्वार्थ और गुस्से के लिए बहस के बजाय गाली-गलौज और चरित्रहनन की भाषा बोली जाए, तो वह लोकतांत्रिक संवाद नहीं बल्कि एक निम्न मानसिकता का प्रदर्शन कहलाता है, और कुछ अपने तथाकथित वोट बैंकों को प्रभावित करने का एक असफल प्रयास है , ऐसे लोग राजनीतिक दल की निष्ठा में,वैचारिक दरिद्रता के दल दल में फंसे हुए है जो बिना तथ्यों के केवल अनर्गल प्रलाप करते गैर जिम्मेदार राजनीतिज्ञ सिद्ध होते है,क्योंकि पूरा विश्व जानता है कि सच क्या है| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा शक्तिशाली संगठन होने के उपरांत भी इस तरीके के लोगों का बयान बाजी करना यह प्रदर्शित करता है कि जिसके पास शक्ति होती है वह हमेशा विन्रम और सहनशील,और लोक कल्याणार्थ होता है क्योंकि उसको मालूम है कि उसकी शक्ति कितना प्रलय भी कर सकती है, और जो शक्तिहीन बुद्धिहीन तथ्यहीन होते हैं वह इस तरह के की अमर्यादित भाषा और घृणा का प्रयोग करते हैं पूरा विश्व जानता है कि सच क्या है| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा शक्तिशाली संगठन होने के उपरांत भी इस तरीके के लोगों का बयान बाजी करना यह प्रदर्शित करता है कि जिसके पास शक्ति होती है वह हमेशा विन्रम और सहनशील,और लोक कल्याणार्थ होता है क्योंकि उसको मालूम है कि उसकी शक्ति कितना प्रलय भी कर सकती है, और जो शक्तिहीन बुद्धिहीन तथ्यहीन होते हैं वह इस तरह के की अमर्यादित भाषा और घृणा का प्रयोग करते हैं