#राणा_संग्राम_सिंह या राणा सांगा ने बाबर को भारत पर हमले का न्योता भेजा काहे कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए….
ये कहने वाला है सपा का बड़ा नेता रामजी लाल सुमन…. और ये सदन में दिया बयान है इसके साथ ही हिन्दुओं को गद्दारों का वंशज भी घोषित कर दिया…
कई अन्य लोगों के मुंह भी आप ये सुने होंगे बाबर और सांगा के विषय में…. पर सच क्या था??
राणा सांगा और #इब्राहिम_लोदी की सेना के बीच कई छोटी झड़पो के बाद पहला बड़ा आमना सामना हुआ 1517 की ठण्ड के दौरान… बाप के बाद इब्राहिम गद्दी पर बैठा और सांगा की बढ़ती ताक़त को रोकने का निर्णय ले मेवाड़ पर हमला करने चला…
सांगा और अफगानों का सामना हुआ खतौली के युद्ध में….अपने से दोगुनी सेना पर सांगा ने सीधे हमला बोलने की रणनीति अपनाई और महज़ 4-5 घंटे की ख़ूनी लड़ाई में अफगानों को तितर बितर कर दिया अपने बेटे को सांगा के हाथों बंदी बनवा और आधी फ़ौज गवा इब्राहिम भाग खड़ा हुआ…
बेटे #गयासुद्दीन_लोदी की जान बचाने को सुल्तान ने कई इलाके और बड़ी रकम राणा को दी…
राणा ने इसी युद्ध में अपना एक हाथ और पैर गवाया…
1519 इब्राहिम ने फिर राणा को काबू करने का प्रयत्न किया… लगभग 30 हज़ार सवार और 20 हज़ार पैदल के साथ मेवाड़ का रूख किया
अबकी बार राणा के पास पहले से भी कम फ़ौज थी काहे कि मालवा की घेराबंदी सांगा के योद्धाओं ने की हुईं थी .. महज़ 10 हज़ार सवार और 5 हज़ार पैदल के साथ राणा ने इब्राहिम का सामना धौलपुर में किया
पुनः सीधे और पहले हमले की रणनीति अपनायी गयी… दोपहर से शाम तक सांगा के योद्धाओं ने 35 हज़ार से ज्यादा अफगान काट डाले…
इब्राहिम घायल हो भाग निकला… और उसकी फ़ौज के आधे से ज्यादा बड़े कमांडर इस युद्ध में सांगा के वीरों के हाथों मारे गए…
राणा के हाथ ग्वालियर सहित बड़ा इलाक़ा लगा
तीसरी बार फिर इब्राहिम लोदी ने राणा को कुचलने को कूच किया…. फ़ौज अबके और बड़ी थी…. साल था 1521…
रणथम्बोर के पास दौनो फ़ौजों का आमना सामना हुआ…. पुनः धौलपुर की कहानी दोहराई गयी…
राणा ने बुरी तरह लोदी को हराया उसने फिर भाग कर दिल्ली कूच किया..
इस युद्ध के बाद… आज का राजस्थान, गुजरात का आधा हिस्सा, मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश का बड़ा भाग हरियाणा का बड़ा भाग.. राणा सांगा के कब्ज़े में था…
मेवाड़ विस्तृत हो चुका था और दिल्ली सल्तनत को कमजोर कर दिया था…
अब सवाल ये है मेरा #रामजी_लाल_सुमन व अन्य सभी से जिस राणा सांगा ने तीन तीन बार इब्राहिम को युद्ध में कुचला वो भला बाबर से क्यों मदद लेते…
बाबर को इब्राहिम के लिए नहीं…. राणा के लिए इब्राहिम के ही साथी सिपहसालार न्योता दिए…
उन्हें हिन्दू राजा के विरुद्ध कमजोर इब्राहिम स्वीकार्य न था तो नये लड़ाके बाबर को लाए…
बाबर खुद बाबरनामा में स्वीकार करता है सांगा उसके सबसे ताक़तवर काफर दुश्मन थे!
कई अन्य लोगों के मुंह भी आप ये सुने होंगे बाबर और सांगा के विषय में…. पर सच क्या था??
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vskjodhpur
- 23 March 2025
- 11:30 am