भारतीय जनता ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर अपना विश्वास जताया है। न्यूज18 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 88% से अधिक भारतीयों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा जताया है। यह आंकड़ा देश की जनता की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति के प्रति गहरे समर्थन को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: क्या हुआ था?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके जवाब में, भारत ने 7-8 मई 2025 की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम से एक सटीक और नॉन-एस्केलेटरी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों पर मिसाइल और एयर स्ट्राइक की।
- लक्ष्य: भारत ने जोर देकर कहा कि इस ऑपरेशन में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिक सुविधाओं को।
- तकनीक: भारतीय सेना ने प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी, लॉइटरिंग म्यूनिशन और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल्स (SCALP, HAMMER) का इस्तेमाल किया।
- प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय हमलों में नागरिक क्षेत्र भी निशाना बने, जिसमें 31 नागरिक मारे गए। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने जम्मू के पुंछ में मोर्टार हमले किए, जिसमें 16 नागरिक और एक सैनिक मारे गए।
- एस्केलेशन: 10 मई तक दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलाबारी, ड्रोन हमले और हवाई झड़पें हुईं। इस दौरान पाकिस्तान ने “ऑपरेशन बुनियान-अल-मरसूस” चलाया, जिसमें भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- सीजफायर: 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन बातचीत के बाद युद्धविराम की घोषणा हुई।
जनता का भरोसा: सर्वेक्षण का विवरण
ऑपरेशन सिंदूर के बाद किए गए न्यूज18 सर्वेक्षण में 88% से अधिक भारतीयों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा जताया। यह आंकड़ा देश की जनता की एकता और सुरक्षा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने माना कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई की है, जिससे देश की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बल मिला है।
ऑपरेशन सिंदूर का रणनीतिक महत्व
- आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश: भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया कि आतंकवाद के समर्थन की कीमत चुकानी पड़ेगी।
- तकनीकी श्रेष्ठता: भारतीय सेना और वायुसेना ने आधुनिक हथियारों और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना: अमेरिका समेत कई देशों ने भारत की सख्त और नॉन-एस्केलेटरी कार्रवाई की सराहना की।
- जनता का समर्थन: सर्वेक्षण के नतीजे दिखाते हैं कि भारतीय जनता अपनी सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुट है और सरकार के साथ खड़ी है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर जनता का भरोसा इस बात का सबूत है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर भारतीय जनता एकजुट है। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत कभी भी पीछे नहीं हटेगा।