उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास बेगम बाग इलाके में एक बार फिर बुलडोजर एक्शन देखने को मिला है। प्रशासन ने बुधवार सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सात अवैध इमारतों को जमींदोज कर दिया। यह इलाका मुस्लिम बहुल है और अति संवेदनशील माना जाता है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से दोनों ओर से रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया और महाकाल मंदिर जाने वाले मार्ग को भी परिवर्तित किया गया। इस कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ, जबकि 19 दिन पहले जब पांच इमारतें गिराई गई थीं, तब भारी विरोध देखने को मिला था।
बेगम बाग क्षेत्र में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1985 में करीब 30 भूखंड 30 साल की लीज पर दिए थे, लेकिन भूखंडधारकों ने इनका उपयोग आवासीय की बजाय व्यावसायिक रूप से करना शुरू कर दिया, जो नियमों के विरुद्ध था। 2014-15 में लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद नवीनीकरण नहीं कराया गया। प्रशासन ने लगातार नोटिस दिए, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला तो 2023-24 में लीज समाप्त कर दी गई। इस पर भूखंडधारकों ने कोर्ट का रुख किया और कुछ को स्टे मिल गया, लेकिन कई भूखंडों से स्टे हटने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की।
अब तक 65 में से 12 इमारतें गिराई जा चुकी हैं और शेष 53 पर भी कानूनी प्रक्रिया के तहत बुलडोजर चलाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश और अवैध अतिक्रमण हटाने के तहत की जा रही है। इससे पहले जब कार्रवाई का विरोध हुआ था, तब प्रशासन ने शहर काजी और मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों से संवाद कर स्थिति को शांत किया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने उज्जैन में अवैध निर्माण, लीज नवीनीकरण और धार्मिक स्थलों के आसपास के अतिक्रमण को लेकर प्रशासन की सख्ती और संवेदनशीलता दोनों को उजागर किया है। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि नियमों के विरुद्ध किसी भी तरह का निर्माण, चाहे वह किसी भी समाज का हो, मंजूर नहीं किया जाएगा।