असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट के जरिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में असम के एक सांसद को शामिल किए जाने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र इस सांसद को इतने संवेदनशील और रणनीतिक मिशन में शामिल न करें।
ट्वीट के मुख्य बिंदु
सांसद पर आरोप:
सरमा ने कहा कि असम से सूची में शामिल एक सांसद ने पाकिस्तान में कथित तौर पर दो सप्ताह के अपने लंबे प्रवास का खंडन नहीं किया है।
पत्नी की भूमिका:
उन्होंने दावा किया कि विश्वसनीय दस्तावेज़ दिखाते हैं कि उस सांसद की पत्नी भारत में रहते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन ले रही थीं।
One of the MPs named in the list ( from Assam ) has not denied his prolonged stay in Pakistan—reportedly for two weeks—and credible documents show that his wife was drawing salary from a Pakistan-based NGO while working in India.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 17, 2025
In the interest of national security and beyond… https://t.co/Y1thJAgMy8
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला:
सरमा ने लिखा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, मैं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे व्यक्ति को इतनी संवेदनशील और रणनीतिक जिम्मेदारी में शामिल न करें।”
संदर्भ और महत्व
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल:
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने ‘जीरो टॉलरेंस’ के संदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की तैयारी कर रही है।
राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा:
सरमा का बयान इस बात को रेखांकित करता है कि ऐसे महत्वपूर्ण मिशन में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों की पृष्ठभूमि और विश्वसनीयता पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
यह ट्वीट न केवल राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच भी सतर्कता और पारदर्शिता की आवश्यकता है।
यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है, इस पर सबकी नजरें रहेंगी।