Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

TRANDING
TRANDING
TRANDING

अंडमान सागर में भारत को मिला $20 ट्रिलियन का ‘गुयाना-साइज’ तेल भंडार: रोज़ाना 2.5 लाख बैरल उत्पादन से बदलेगी अर्थव्यवस्था

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अंडमान सागर में ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) की अगुवाई में हुए सर्वे और खुदाई के बाद एक विशाल तेल भंडार की खोज हुई है, जिसे विश्लेषकों ने ‘गुयाना-साइज’ (Guyana-sized) डिस्कवरी बताया है। अनुमान है कि इस क्षेत्र में तेल और गैस का मूल्य $20 ट्रिलियन (करीब 1,660 लाख करोड़ रुपये) से भी अधिक है। भारत सरकार ने यहां से प्रतिदिन 2.45 लाख बैरल कच्चा तेल निकालने का लक्ष्य रखा है, जो देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

कैसे मिली यह सफलता?
तीन दशक तक प्रतिबंधित रहे अंडमान सागर क्षेत्र में 2022 के बाद से रक्षा और अंतरिक्ष एजेंसियों की अनुमति के साथ तेल-गैस अन्वेषण को हरी झंडी मिली। ओएनजीसी और OIL ने अत्याधुनिक तकनीक और विदेशी विशेषज्ञता के साथ गहरे समुद्र में खुदाई शुरू की। शुरुआती सर्वेक्षणों में ही संकेत मिले कि यह क्षेत्र तेल-गैस के भंडार के मामले में दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना जैसा समृद्ध हो सकता है, जहां 47 कुएं खोदने के बाद विशाल भंडार मिला था। भारत में अब तक 37 कुएं खोदे जा चुके हैं और उत्पादन का पहला चरण शुरू हो चुका है।

आर्थिक और रणनीतिक असर

  • भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मिलेगा जबरदस्त बल, आयात पर निर्भरता घटेगी।
  • रोज़ाना 2.5 लाख बैरल उत्पादन से सालाना अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा बचेगी।
  • तेल-गैस उद्योग, शिपिंग, पेट्रोकेमिकल, रोजगार और बुनियादी ढांचे में बड़ा विस्तार।
  • भारत की वैश्विक आर्थिक ताकत में ऐतिहासिक उछाल संभव।

ग्राफिक्स और चार्ट्स

1. विश्व के बड़े नए तेल भंडार (2025)

2. भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में योगदानtext2024: 85% आयात निर्भरता 2027: 65% (अनुमानित) आयात निर्भरता

3.भारत का संभावित तेल उत्पादन (अंडमान सागर)

क्या है आगे की रणनीति?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। विदेशी तकनीकी साझेदारों को भी खोज और उत्पादन में प्राथमिकता दी जा रही है7। इससे भारत न केवल घरेलू जरूरतें पूरी कर सकेगा, बल्कि भविष्य में तेल निर्यातक देशों की सूची में भी शामिल हो सकता है।

अंडमान सागर की यह खोज भारत के लिए आर्थिक, रणनीतिक और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकती है। यह उपलब्धि न केवल भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी नई ऊर्जा देगी।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top