राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी आयात शुल्क की नीति पर गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) की रिपोर्ट ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सामने गहरे खतरे की आशंका जताई है। जुलाई 2025 तक 53% अमेरिकी कंपनियों द्वारा छंटनी और बढ़ती महंगाई पर वैश्विक मीडिया और वित्तीय संस्थान गंभीर हैं। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक अमेरिकी कंपनियों ने टैरिफ का अधिकांश बोझ सहा—लेकिन आने वाले महीनों में उपभोक्ताओं को सर्वाधिक मार झेलनी पड़ेगी। कंपनी का अनुमान है कि जून तक उपभोक्ता 22% टैरिफ लागत वहन कर रहे थे, लेकिन नये टैरिफ्स लागू होने के बाद यह प्रतिशत 67% तक पहुंच सकता है। इसका सीधा अर्थ है—अमेरिका में महंगाई, खासकर कोर पर्सनल कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर इंडेक्स, दिसंबर तक 3.2% तक जा सकता है; यदि टैरिफ न होते, तो यही दर 2.4% रहती।
गोल्डमैन सैक्स ने आगाह किया कि कंपनियों की मार्जिन, निवेश योजनाएं और नौकरी की संभावनाएँ निरंतर दबाव में हैं। S&P 500 कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ अगले तिमाही में 4% तक घट सकती है—जो पिछले साल से तीन गुना कम है। औद्योगिक निवेश, कैपिटल एक्सपेंडिचर और तकनीकी क्षेत्र में कटौती की प्रवृत्ति देखने को मिल रही है। क्षेत्रों के हिसाब से सबसे ज्यादा संकट रिटेल, ऑटोमोटिव और सरकार में है।
रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर टैरिफ का मौजूदा पैटर्न जारी रहा, तो अमेरिकी परिवारों पर महंगाई और छंटनी की दोहरी मार पड़ेगी। फेडरल रिज़र्व की ब्याज दर नीति पर भी दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से इतनी महंगाई के साथ छंटनी यानी “स्टैगफ्लेशन” का खतरा कई दशक बाद सामने आया है।
ट्रंप प्रशासन ने गोल्डमैन सैक्स की आशंकाओं को सिरे से नकारते हुए संस्थान के अर्थशास्त्रियों और CEO डेविड सोलोमन की आलोचना की है, लेकिन वित्तीय डेटा और अर्थशास्त्रियों की राय है कि 2025 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए यह सबसे बड़ा संकट है।
अंत में, गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट और वास्तविक आर्थिक आंकड़े दोनों इस बात की पुष्टि करते हैं कि आयात शुल्क का दबाव अमेरिकी कंपनियों की मजबूती और उपभोक्ताओं की जेब तक जा पहुंचा है। यदि ये प्रवृत्तियाँ पलटी नहीं जातीं, तो अमेरिका को सबसे बड़ा रोजगार, महंगाई और आर्थिक विकास का संकट झेलना पड़ सकता है।
ट्रंप टैरिफ और अमेरिकी छंटनी संकट: गोल्डमैन सैक्स रिपोर्ट का विश्लेषण
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Mayank Kansara
- 13 August 2025
- 10:08 am