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रुद्रएम-III: DRDO की नई हाइपरसोनिक मिसाइल के अद्भुत विशेषताएँ

भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में रुद्रएम-III हाइपरसोनिक हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइल के आपसी विद्युत और यांत्रिक अनुकूलन परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह विकास भारतीय रक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है। आइए इस नई मिसाइल की विशेषताओं और क्षमताओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

विस्तारित रेंज

रुद्रएम-III की रेंज 550 किलोमीटर है, जो इसे रुद्रएम-II की 300-350 किलोमीटर रेंज की तुलना में बहुत अधिक प्रभावी बनाता है। यह अतिरिक्त रेंज भारतीय टकराव क्षमता को बढ़ाती है, जिससे लॉन्च प्लेटफार्म को जोखिम में डाले बिना अधिक गहराई तक हमला करना संभव हो जाता है। यह विशेषता विभिन्न एंटी-टैंक और बंकर-नाशक अभियानों में रणनीतिक लाभ प्रदान करती है।

अधिक वारहेड क्षमता

रुद्रएम-III की 200 किलोग्राम का पेनेट्रेटर-कम-ब्लास्ट वारहेड के साथ क्षमता, रुद्रएम-II के 155 किलोग्राम के मुकाबले बढ़ाई गई है। यह अधिक मजबूत बंकरों और किलेबंद संरचनाओं को नष्ट करने की क्षमता को बढ़ाता है। इस नए वारहेड की डिज़ाइन ने इसे कठिन लक्ष्यों पर भी प्रभावी ढंग से मार करने की अनुमति दी है, जिससे इस मिसाइल का उपयोग कई प्रकार के असाधारण लक्ष्यों के खिलाफ किया जा सकता है।

बढ़ी हुई गतिशीलता

रुद्रएम-III में गतिशीलता में भी सुधार किया गया है। इसमें 16 नियंत्रण सतहें (8 मध्य भाग और 8 पूंछ) और स्थिर पंख शामिल हैं, जो इसे रुद्रएम-II की तुलना में बेहतर चपलता और हाइपरसोनिक स्थिरता प्रदान करते हैं। ये विशेषताएँ इसे विभिन्न मौसम और परस्थितियों में उच्च गति से चलने की क्षमता देती हैं, जो इसे दुश्वारियों में भी त्वरित और सही जगह पर पहुंचाने में मदद करती हैं।

उच्च सटीकता

रुद्रएम-III के उन्नत INS-GPS मार्गदर्शन प्रणाली के माध्यम से इसे लगभग 4 मीटर की सटीकता पर टर्मिनल हिट सुनिश्चित करने की क्षमता प्रदान की गई है। यह विशेषता रुद्रएम-II की तुलना में बहुत अधिक सटीकता देती है, जिससे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को निशाना बनाना आसान हो जाता है। यह विशेषता भविष्य के सैन्य अभियानों में सामग्री और मानव संसाधनों की सुरक्षा में सहायता करती है।

उन्नत प्रणोदन और प्रक्षेप पथ

रुद्रएम-III का डिज़ाइन बूस्टर और दोहरी पल्स मोटर्स वाले दो-चरणीय प्रणोदन के साथ तैयार किया गया है। यह अद्भुत विशेषता इसे लम्बी अज्ञात उड़ानों और उच्च गति के लिए अर्ध-बैलिस्टिक हाइपरसोनिक पथ को सक्षम बनाती है। इस नए डिज़ाइन से रुद्रएम-III को दुश्मनों की रडार प्रणाली से बचते हुए लक्ष्य पर पहुंचने की क्षमता प्राप्त होती है, जो इसे युद्ध में अत्यधिक प्रभावी बनाता है।

DRDO का रुद्रएम-III हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करना न केवल भारतीय रक्षा प्रणाली में एक नया आयाम जोड़ता है, बल्कि यह हमारी स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं को भी दर्शाता है। इसके अद्भुत विन्यास, विस्तारित रेंज, उच्च सटीकता और बढ़ी हुई गतिशीलता हमें वैश्विक सैन्य प्रणाली में प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखती है। इससे भारतीय युवा पेशेवरों और तकनीकी उत्साहित लोगों के लिए प्रेरणा मिलती है, जो भविष्य की तकनीकी प्रगति के क्षेत्र में सक्षम बनने के लिए काम कर रहे हैं।

इस तरह से, रुद्रएम-III न केवल एक मिसाइल है, बल्कि यह भारतीय विज्ञान और तकनीकी विकास में एक प्रतीक बन गया है, जो हमारे देश के सामरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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