Vsk Jodhpur

भारत 2035 तक विनिर्माण में सकल घरेलू उत्पाद की हिस्सेदारी को 25% करने की योजना

भारत सरकार ने 2035 तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण की हिस्सेदारी को 13% से बढ़ाकर 25% करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस दिशा में उठाए गए कदमों में ₹10,000 करोड़ के राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का गठन शामिल है। यह योजना युवा पेशेवरों, तकनीकी उत्साही लोगों, और छात्रों के लिए न केवल एक आर्थिक पहल है, बल्कि यह देश के विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

विनिर्माण का महत्व

विनिर्माण क्षेत्र का विकास किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह क्षेत्र न केवल रोजगार सृजित करता है, बल्कि आय का भी स्रोत होता है। जब विनिर्माण में वृद्धि होती है, तो यह औसत नागरिकों के जीवन में सुधार लाती है और जीवनस्तर को ऊंचा उठाने का कार्य करती है।

आर्थिक दृष्टिकोण

भारत का सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान में काफी हद तक सेवाओं पर निर्भर है। यदि हम अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करें। उदाहरण के लिए, चीन का विनिर्माण क्षेत्र जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा बनाता है, और इसका तकनीकी नवाचार पर सीधा असर है।

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का उद्धेश्य

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का मुख्य उद्धेश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है। इसके लिए कई मुख्य रणनीतियाँ बनाई गई हैं:

  • संसाधनों का आवंटन: ₹10,000 करोड़ का बजट विभिन्न विनिर्माण नवाचारों, अनुसंधान, और विकास में निवेश किया जाएगा।
  • नवाचार प्रोत्साहन: छोटे और मध्यम उद्यमों को उच्च-तकनीकी उत्पादों के विकास में सहायता दी जाएगी।
  • शिक्षा और प्रशिक्षण: कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे कि वे उच्च विविधता वाले और प्रतिस्पर्धी कारीगर बन सकें।
  • निवेश आकर्षण: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कुछ विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ बनाई जाएँगी जिससे कि अन्य देश भारत में विनिर्माण उद्योग में निवेश करें।

उदाहरणों की महत्त्वता

भारत में चल रही कुछ प्रमुख विनिर्माण परियोजनाएँ जैसे एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल, और सूचना प्रौद्योगिकी दिखाती हैं कि भारत की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि हो रही है। जैसे, टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े पैमाने पर विनिर्माण में निवेश किया है।

युवाओं के लिए अवसर

इस मिशन के तहत, युवाओं के लिए कई अवसर पैदा होंगे। अनुसंधान एवं विकास, उत्पादन प्रबंधन, और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा होंगे। यह न केवल युवाओं को रोजगार का अवसर देगा बल्कि उनको उनके कौशल को विकसित करने का भी मौका प्रदान करेगा।

सामाजिक असर

जब विनिर्माण में वृद्धि होती है, तो यह समग्र समाज में सकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी, जिससे ग्रामीण विकास में मदद मिलेगी। युवा पेशेवर, तकनीकी उत्साही, और छात्रों के लिए यह उनके सपनों को साकार करने का अवसर होगा।

भारत का 2035 तक की योजना दृढ़ता से विनिर्माण क्षेत्र के विकास की ओर अग्रसर है। यह न केवल आर्थिक सुधार के लिए आवश्यक है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और समृद्ध भारत की ओर ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए आवश्यक हैं, बल्कि आने वाले समय के लिए भी एक स्थायी आधार प्रदान करेंगे। सभी युवाओं को इस मिशन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित होना चाहिए, क्योंकि यह उनके जीवन को भी बेहतर बनाने की संभावनाएँ पैदा करेगा।

सोशल शेयर बटन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Recent Stories

Scroll to Top