बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान चुनाव आयोग को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आए बड़ी संख्या में लोगों की पहचान हुई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे विदेशी नागरिकों के नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे, जिसे आगामी 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित किया जाना है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि घर-घर जाकर की जा रही इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए हैं, जिनके पास भारतीय नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं है। ये लोग विभिन्न जिलों में रह रहे हैं और कई ने स्थानीय पहचान पत्र भी हासिल कर लिए हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
एक अधिकारी ने बताया, “हमारा उद्देश्य केवल योग्य भारतीय नागरिकों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करना है। जो भी व्यक्ति संदिग्ध पाया गया है, उसकी जांच की जा रही है और दस्तावेज़ों के सत्यापन के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।”
चुनाव आयोग ने सभी बीएलओ (बूथ स्तर अधिकारियों) को निर्देश दिया है कि वे दस्तावेजों की कठोरता से जांच करें और कोई भी फर्जी पहचान या विदेशी नागरिकता वाला व्यक्ति सूची में शामिल न होने पाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की मदद भी ली जा रही है।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 1 जुलाई से शुरू हुआ है और यह 31 जुलाई 2025 तक चलेगा। इस दौरान नए मतदाताओं का नाम जोड़ने, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने, और त्रुटियों को सुधारने का कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बिहार जैसे सीमावर्ती राज्य में नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से अनधिकृत रूप से घुसपैठ की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। अब जब ये लोग मतदाता सूची में घुसने का प्रयास कर रहे हैं, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा — दोनों के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।
चुनाव आयोग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास किसी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी हो, जो अवैध रूप से नागरिकता का दावा कर रहा हो, तो वे तत्काल संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की जाएगी, जिसमें केवल प्रमाणित और योग्य भारतीय नागरिकों के नाम शामिल किए जाएंगे।
(स्रोत: newsth.live )
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक पाए गए: चुनाव आयोग
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Mananya Singh
- 13 July 2025
- 1:37 pm