भारत की निरंतर प्रगति को अब दुनिया के प्रमुख नेताओं द्वारा भी मान्यता मिल रही है। हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की है कि भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह एक महत्वपूर्ण बयान है जो न केवल भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करता है।
भारत की आर्थिक प्रगति का सफर
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले एक दशक में remarkable growth का अनुभव कर रही है। 2014 से 2021 के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई बड़े बदलाव देखे, जिसमें डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
- विकास दर: 2021-22 में भारत की विकास दर लगभग 8.7% थी, जो इसे विश्व में सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाती है।
- स्टार्टअप पर्यावरण: भारत के पास अब 70 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 200 अरब डॉलर है। इससे युवा पेशेवरों और तकनीकी उत्साही लोगों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
बिरिटेन की निगाहें
ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह बयान भारत की ओर ब्रिटेन के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। भारत एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है, जहां औसत आय में वृद्धि और मध्यम वर्ग की संख्या में इजाफा हो रहा है।
- व्यापारिक अवसर: ब्रिटेन के व्यापारिक मामलों का एक बड़ा हिस्सा भारत में निवेश करने में सफलता पा रहा है। जैसे कि Tata Group ने Jaguar Land Rover को खरीदा था, जो भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक साक्षात्कार का प्रतीक है।
- संयुक्त नवाचार: ब्रिटेन और भारत के बीच तकनीकी सहयोग का बढ़ता स्तर भी दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच ज्ञान और संसाधनों का आदान-प्रदान बढ़ रहा है।
भारत के लिए वैश्विक मान्यता
ब्रिटिश प्रधानमंत्री का बयान केवल एक राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि यह भारत की उद्यमिता, नवाचार, और औद्योगिक विकास की क्षमता की मान्यता है।
- विश्व स्तर पर पहचान: पिछले कुछ वर्षों में भारत की बहुत सी कंपनियों ने वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाई है, जैसे कि Infosys, Wipro, और HCL Technologies, जिन्होंने अपने तकनीकी और प्रौद्योगिकी समाधानों के साथ दुनिया भर में नाम कमाया है।
- व्यापारिक अनुबंध: भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार के अदला-बदली में सुधार किया गया है, जिसका एक उदाहरण भारत-यूके मुफ्त व्यापार समझौता है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह बयान भारत की स्थिरता और संभावनाओं का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यदि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, तो यह न केवल भारतीयों के लिए एक गर्व का विषय होगा, बल्कि दुनिया भर में युवा पेशेवरों और तकनीकी उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
इस बदलाव को देखने के लिए हमें अपने कौशल को विकसित करना होगा और नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार रहना होगा। यह केवल भारत का भविष्य नहीं है, बल्कि हम सभी का भविष्य है। हम सभी को इस प्रगति में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और इस नए भारत के निर्माण में भागीदार बनना चाहिए।