भारतीय वायुसेना (IAF) एक बार फिर पाकिस्तान बॉर्डर के पास शक्तिशाली एयर एक्सरसाइज की तैयारी में है, जिसे मीडिया और रक्षा विश्लेषक ऑपरेशन सिंदूर 2.0 जैसा करार दे रहे हैं। यह सैन्य अभ्यास 23 जुलाई से राजस्थान के बाड़मेर से लेकर जोधपुर तक फैले क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है, जो पिछले महीनों में हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारत की सैन्य तैयारी का स्पष्ट संदेश है।
अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 आतंकी ठिकानों पर अभूतपूर्व एयर स्ट्राइक की थी। करीब 22 मिनट में हुए इस ऑपरेशन ने पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया था, जिसके बाद से पाकिस्तान बार-बार संघर्ष विराम और अंतरराष्ट्रीय दबाव की बातें करता रहा।
अब IAF की ताजा एयर एक्सरसाइज—जो 23 से 25 जुलाई तक चलेगी—को ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे संस्करण यानी “सिंदूर 2.0” की तैयारियों की तरह देखा जा रहा है। इसमें कई तरह के फाइटर जेट, ड्रोन, रडार और एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम शामिल होंगे। सेना सूत्रों के अनुसार, इस एक्सरसाइज का उद्देश्य ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस, नेटवर्क-केंद्रित युद्ध कौशल और अचानक किसी भी आपात स्थिति में त्वरित जवाब देने की क्षमता को परखना है।
इस अभ्यास से पाकिस्तान में बेचैनी साफ दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने 23 जुलाई को अपने वेस्टर्न एयरस्पेस का बड़ा हिस्सा आपातकालीन रूप से ‘नो-फ्लाई जोन’ घोषित कर दिया है, जिससे सिर्फ सैन्य विमानों को ही जरूरत के हिसाब से उड़ान की अनुमति है। यह कदम भारत की रणनीतिक बढ़त और IAF की शक्ति का अप्रत्यक्ष स्वीकार भी है।
भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस सैन्य अभ्यास के जरिए भारत न सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि साथ ही पड़ोसी को भी चेता रहा है कि आतंकवाद या किसी दुस्साहस का जवाब पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर और तेज होगा।
संसद के मानसून सत्र के दौरान लगातार विपक्ष, मीडिया और देशहित से जुड़े हर मंच पर ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सुरक्षा नीति चर्चा में है—ऐसे में IAF की यह तैनाती पाकिस्तान और पूरी दुनिया को भारत की सैन्य नीति, आत्मविश्वास और तकनीकी क्षमता का संदेश देने के लिए निर्णायक है।