भारत की रणनीतिक बढ़त का नया प्रतीक
भारत ने 2025 में सैन्य तकनीक के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। DRDO द्वारा विकसित ET-LDHCM—Extended Trajectory-Long Duration Hypersonic Cruise Missile—अब देश की सुरक्षा और शक्ति का नया चेहरा बन गई है। इस मिसाइल ने न सिर्फ भारत को हाइपरसोनिक क्लब में शामिल कर दिया, बल्कि एशियाई शक्ति संतुलन में भी बड़ा बदलाव ला दिया है।
प्रोजेक्ट विष्णु: स्वदेशी तकनीक की उड़ान
ET-LDHCM मिसाइल DRDO के ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत विकसित की गई है। यह भारत की पहली स्वदेशी प्रणाली है जो 1,000 किलो से 2,000 किलो तक के परमाणु या पारंपरिक वारहेड को 1,500 किलोमीटर की दूरी तक ले जाने और पूरी उड़ान के दौरान हाइपरसोनिक स्पीड (मैक 8 यानी लगभग 11,000 किमी/घंटा) बनाए रखने में सक्षम है।

तकनीकी विशेषताएँ
स्पीड और रेंज: Mach 8 (लगभग 11,000 किमी/घंटा) की रफ्तार और 1,500 किमी की मारक क्षमता।
वजन क्षमता: 1,000-2,000 किलो वारहेड, जिसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों विकल्प संभव।
इंजन: अत्याधुनिक स्क्रैमजेट तकनीक। यह इंजन वायुमंडल से ऑक्सीजन लेकर अत्यंत तेज और आर्थिक उड़ान देता है, जिससे मिसाइल हल्की रहती है और लंबी दूरी तय कर सकती है।
ऑपरेटिंग ऊँचाई: 15-30 किमी की नीचे उड़ान, जिससे रडार पकड़ से बचना संभव।
मिनीमम रिएक्शन टाइम: 1,000 किमी दूरी पर भी शत्रु के पास 60 सेकंड से भी कम प्रतिक्रिया का समय।
गाइडेंस: रिंग-लेज़र-जायरो INS, NavIC/GPS/GLONASS हाइब्रिड नेविगेशन, टर्मिनल AESA सीकर के साथ।
मटेरियल: 2,000°C तक तापमान सहन करने वाली ऑक्सिडेशन-रेसिस्टेंट कोटिंग।
लॉन्च प्लेटफॉर्म की फ्लेक्सिबिलिटी
ET-LDHCM को जमीन-आधारित मोबाइल ट्रक, जंगी जहाज़, और एयरक्राफ्ट (जैसे Su-30MKI) से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे इसे सेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों की जरूरतों के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है।
संचालन में क्रांतिकारी मैनूवर और स्टील्थ
इस हाइपरसोनिक मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत है इसकी इन-फ्लाइट मैनूवर क्षमता, जिससे यह पूरी उड़ान में रास्ता बदल सकती है और शत्रु के किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम (S-400, S-500, HQ-19, Iron Dome) को चकमा दे सकती है। नीची और तेज़ उड़ान के कारण इसे रडार पर पकड़ना लगभग असंभव है।
सामरिक और वैश्विक असर
ET-LDHCM केवल तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी गेमचेंजर है। यह मिसाइल भारत को अमेरिका, रूस और चीन की बराबरी में खड़ा कर रही है। ‘स्पीड ब्रह्मास्त्र’ भारत को अपने विरोधियों पर रणनीतिक बढ़त दिलाती है, जिसकी वजह से चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी अपनी सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार के लिए मजबूर हो सकते हैं।
ET-LDHCM का परीक्षण और जल्द ही तैनाती, आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमताओं का जीवंत उदाहरण है। अत्याधुनिक तकनीकों, देशी इंडस्ट्री में निवेश और विकासशील रक्षा विज्ञान के दम पर भारत अब अगले स्तर का सुरक्षा कवच पा चुका है। जैसे-जैसे प्रोजेक्ट विष्णु के तहत नई तकनीकें सामने आएंगी, भारत की सामरिक शक्ति और भी ऊंचाई को छुएगी।