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डीआरडीओ में ऐतिहासिक सुधार: पीएमओ ने लागू की राघवन समिति की सिफारिशें, रक्षा अनुसंधान में नया युग

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने डॉ. के. विजय राघवन समिति की सिफारिशों को लागू कर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में दशकों बाद सबसे बड़ा संरचनात्मक और कार्यात्मक सुधार पूरा कर दिया है। इन सुधारों का उद्देश्य DRDO को अधिक चुस्त, दक्ष और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है, ताकि भारत की रक्षा तकनीक और स्वदेशीकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। समिति ने जुलाई 2024 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसके बाद सरकार ने 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित किया और इन सुधारों को प्राथमिकता दी गई।

राघवन समिति की सिफारिशों के तहत DRDO का ढांचा पूरी तरह पुनर्गठित किया गया है। अब संगठन का फोकस मूल अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकी विकास पर केंद्रित किया गया है, जबकि उत्पादन, उत्पाद प्रबंधन और बड़े पैमाने पर सिस्टम इंटीग्रेशन का कार्य निजी क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रमों को सौंपा गया है। इससे रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और स्वदेशी रक्षा उद्योग को नई दिशा मिलेगी।

सरकार ने DRDO मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति का गठन किया है, जो सभी सुधारों की प्रगति की निगरानी करेगी। प्रत्येक परियोजना के लिए स्पष्ट माइलस्टोन, संसाधन आवंटन और समयसीमा तय की गई है, जिससे प्रोजेक्ट्स में देरी और बजट से अधिक खर्च की समस्या कम होगी। अब DRDO सीधे पीएमओ की निगरानी में आ गया है, जिससे निर्णय प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO से तेजी से बदलती तकनीकों के साथ तालमेल बैठाने, स्टार्टअप्स और निजी क्षेत्र के साथ गहरा सहयोग बढ़ाने और युवाओं को रक्षा अनुसंधान से जोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रयोगशाला को 2-3 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की पहचान कर 2025 तक पूरा करना होगा, जिससे भारत की सैन्य शक्ति तकनीकी रूप से और मजबूत बनेगी।

इन सुधारों के लागू होने से DRDO अब वैश्विक मानकों के अनुरूप तेज, उत्तरदायी और नवाचार-प्रधान संगठन बनकर उभरेगा। रक्षा उत्पादन और तकनीक में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे आत्मनिर्भरता और निर्यात क्षमता को बल मिलेगा। भारतीय सशस्त्र बलों को समय पर अत्याधुनिक और विश्वसनीय रक्षा तकनीक उपलब्ध कराई जा सकेगी, जो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए निर्णायक साबित होगी।

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