नई दिल्ली, 28 मार्च 2025 – विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर लोकसभा में गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने फरवरी 2025 में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में उठाता रहेगा।
जयशंकर ने संसद में रखी ये अहम बातें:
1. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
हिंदू समुदाय: 10 मामलों की रिपोर्ट, जिनमें 7 जबरन धर्मांतरण के लिए अपहरण और होली मनाने पर पुलिस कार्रवाई का एक मामला शामिल है।
सिख समुदाय: 3 मामले, जिनमें गुरुद्वारे से जुड़ी धमकियां और हमले शामिल हैं।
अहमदिया समुदाय: 2 घटनाएं, जिनमें एक मस्जिद सील करना और कब्रों को अपवित्र करना शामिल है।
ईसाई समुदाय: 1 मामला, जिसमें ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया।
2. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रियता
भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, लोकतंत्र के हनन और मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाता रहा है, जयशंकर ने पाकिस्तान पर व्यवस्थित रूप से अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया।
3. पाकिस्तान की मानसिकता बदलना संभव नहीं
जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि “भारत पाकिस्तान की कट्टरपंथी और संकीर्ण मानसिकता को नहीं बदल सकता”। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की अपील की।
4. भारत द्वारा अल्पसंख्यकों को सहायता
भारत ने 2014 से अब तक 50,000 से अधिक पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों को दीर्घकालिक वीजा प्रदान किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को शरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
एस. जयशंकर के इस बयान के बाद संसद में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई। सांसदों ने भारत की शरणार्थी नीति की समीक्षा करने और उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए और अधिक समर्थन देने का आग्रह किया।
इस मुद्दे को लेकर भारत की कूटनीतिक गतिविधियां और तेज हो सकती हैं। आने वाले महीनों में यह मामला संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर बड़ी बहस का विषय बन सकता है, जहां भारत पाकिस्तान की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग करेगा।