भारतीय सेना ने पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर अपनी ताकत और रणनीतिक बढ़त को और मजबूत करने के लिए ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ जैसी नई सैन्य इकाइयों का गठन शुरू कर दिया है। यह कदम देश की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव और भारतीय सेना को भविष्य की युद्ध रणनीति के लिए पूरी तरह तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
रुद्र ब्रिगेड का गठन तेज, घातक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस जवानों और उपकरणों के साथ किया जा रहा है। इन ब्रिगेडों को ख़ास तौर पर सीमावर्ती इलाकों में दुश्मन की हरकतों पर कड़ी निगरानी रखने, रैपिड रेस्पॉन्स देने और मल्टी डोमेन ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है। इन्हें स्मार्ट ड्रोन, लॉइटरिंग म्यूनिशन्स, रियल टाइम डेटा शेरिंग और हाई लेवल सर्विलांस सिस्टम से जोड़ा गया है ताकि सीमाओं पर किसी भी चुनौती का तुरंत और सटीक जवाब दिया जा सके।
‘भैरव बटालियन’ भारतीय सेना की सबसे लचीली और स्पेशल ऑप्स-रेडी यूनिट्स हैं, जिन्हें हल्के-फुल्के और अत्यधिक मोबाइल युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है। इन बटालियनों को हाईटेक हथियार, डिफेंसिव गियर और स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है—ताकि वे कठिन इलाकों में भी छापेमारी, रैपिड घुसपैठ, और दुश्मन के अडवांस्ड पोस्ट पर त्वरित हमला कर सकें। सेना की योजना है कि वर्ष 2025 के अंत तक सीमा पर ऐसी 40-50 नई भैरव बटालियनें तैनात कर दी जाएं, जो हर इंफैंट्री ब्रिगेड या डिवीजन की लड़ाकू क्षमता को तीन गुना बढ़ा देंगी।
इन दोनों यूनिट्स के जुड़ जाने से भारतीय सेना न केवल पारंपरिक युद्ध के लिए, बल्कि हाइब्रिड वॉरफेयर, साइबर वॉर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, और मल्टी-डोमेन ऑप्रेशंस के लिए भी तैयार हो जाएगी। सीमा के पास की गई हालिया तैनातियों में—अत्याधुनिक सर्विलांस ड्रोन, स्मार्ट मिसाइल, एडवांस्ड आर्टिलरी, और टॉप क्लास कम्युनिकेशन नेटवर्क शामिल हैं—जो पूरी सीमा चौकसी को नए स्तर पर ले जा रहे हैं।
इसी के साथ ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ भारतीय सेना को “स्मार्ट वॉरियर” के रूप में परिवर्तित करने के मिशन का आधार बनती हैं, जहां ताकत, फुर्ती और आधुनिक तकनीक का अनोखा मिश्रण पाकिस्तान और चीन की किसी भी चुनौती के खिलाफ अजेय रक्षा कवच तैयार करता है।
सीमाओं पर नई शक्ति: सेना की ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियनों’ से बढ़ेगी ताकत
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Mayank Kansara
- 27 July 2025
- 7:51 pm