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भारत बना दुनिया का चौथा सबसे समान समाज, अमेरिका-चीन समेत G7 और G20 देशों को पछाड़ा

विश्व बैंक की ‘स्प्रिंग 2025 पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब दुनिया का चौथा सबसे समान समाज बन गया है। गिनी सूचकांक में 25.5 के स्कोर के साथ भारत ने अमेरिका, चीन, G7 और G20 जैसे विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। यह उपलब्धि केवल स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद भारत को वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर लाती है। गिनी इंडेक्स किसी देश में आय, संपत्ति या उपभोग के वितरण में समानता को मापने का सबसे सरल तरीका है—0 का अर्थ है पूर्ण समानता और 100 का अर्थ है अत्यधिक असमानता। भारत का गिनी इंडेक्स 2011 में 28.8 था, जो 2022-23 में घटकर 25.5 रह गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश में आय असमानता लगातार कम हो रही है।

इस ऐतिहासिक बदलाव के पीछे भारत सरकार की गरीबी उन्मूलन, वित्तीय समावेशन और लक्षित सामाजिक कल्याण योजनाओं की बड़ी भूमिका रही है। प्रधानमंत्री जन धन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक आर्थिक लाभ पहुंचाया है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 17.1 करोड़ भारतीयों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया। 2011-12 में जहां 16.2% आबादी प्रतिदिन $2.15 से कम पर जीवन यापन कर रही थी, वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 2.3% रह गया। अगर $3.00 प्रतिदिन की नई गरीबी रेखा मानी जाए, तो भी यह अनुपात 5.3% ही है।

भारत अब “मध्यम से कम असमानता” (Moderately Low Inequality) श्रेणी में शामिल हो गया है, जिसमें गिनी स्कोर 25 से 30 के बीच होता है। वैश्विक स्तर पर केवल 30 देश ही इस श्रेणी में आते हैं, जिनमें अधिकतर यूरोपीय कल्याणकारी देश हैं। भारत का प्रदर्शन उसकी विशाल आबादी और विविधता के बावजूद और भी उल्लेखनीय है, क्योंकि गिनी इंडेक्स के आधार पर भारत अब चीन (35.7), अमेरिका (41.8) और लगभग सभी विकसित देशों से आगे है।

यह उपलब्धि भारत की आर्थिक नीतियों, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत ने यह दिखा दिया है कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, सटीक योजनाएं और पारदर्शी कार्यप्रणाली से आय समानता जैसे बड़े लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं। अब ज्यादा परिवारों की भोजन, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा और नौकरियों तक पहुंच है, जिससे समाज के सभी वर्गों को विकास का लाभ मिल रहा है।

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