Vsk Jodhpur

बांग्लादेश सीमा के पास फर्जी आधार कार्ड घोटाला: दो अलग-अलग छापों में चार लोग गिरफ्तार

बांग्लादेश सीमा के पास फर्जी आधार कार्ड घोटाला: दो अलग-अलग छापों में चार लोग गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बांग्लादेश सीमा के पास फर्जी आधार कार्ड घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई दो स्वतंत्र छापेमारी में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी राज्य और देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे को उजागर करती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित बशीरहाट और बनगांव क्षेत्रों में छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, बायोमेट्रिक उपकरण, प्रिंटर, स्कैनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जब्त की गई है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से दो बांग्लादेशी नागरिक होने का संदेह जताया जा रहा है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये लोग अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या घुसपैठियों को फर्जी भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराते थे। इन दस्तावेजों के सहारे वे न सिर्फ भारत में बसने की कोशिश करते, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाते थे।

घोटाले का तरीका:
जांच अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधार पंजीकरण केंद्रों से मिलीभगत कर लोगों के नाम पर आधार कार्ड बनवाता था। इसके लिए बायोमेट्रिक डिवाइसेज़ का दुरुपयोग किया जाता था। पकड़े गए लोगों के पास से UIDAI के नकली सॉफ्टवेयर और कुछ असली अधीकृत लॉगिन आईडी भी बरामद की गई हैं, जिससे यह संदेह और गहरा गया है कि कहीं अंदरूनी मिलीभगत तो नहीं थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा:
अधिकारियों का मानना है कि यह केवल पहचान पत्रों का फर्जीवाड़ा नहीं है, बल्कि इससे भारत की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा है। यदि विदेशी नागरिक भारत की पहचान लेकर रह रहे हैं, तो वे आतंकवादी गतिविधियों, मानव तस्करी या ड्रग्स तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हो सकते हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:
घटना के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्र सरकार से NIA या ED से जांच कराने की मांग की है।

आगे की कार्रवाई:
फिलहाल सभी आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी गई है। पुलिस और BSF की संयुक्त टीमें पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए साइबर क्राइम शाखा की मदद भी ले रही हैं।

यह मामला देश की सुरक्षा और पहचान प्रणाली की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल है। UIDAI और गृह मंत्रालय को मिलकर इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे ताकि भारत की सीमाएं और पहचान व्यवस्था सुरक्षित रह सके।

सोशल शेयर बटन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Recent Stories

Scroll to Top