छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवाद प्रभावित इलाकों से लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं। नारायणपुर जिले में शनिवार को 22 माओवादियों ने पुलिस और सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का ऐलान किया। आत्मसमर्पण करने वालों में कई सक्रिय जनमिलिशिया सदस्य और अन्य संगठनात्मक स्तर के नक्सली शामिल हैं।
यह आत्मसमर्पण जिला पुलिस, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के संयुक्त प्रयासों और लगातार बढ़ते विश्वास अभियान के तहत हुआ है। प्रशासन ने आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता और पुनर्स्थापन की गारंटी दी है।
इस अवसर पर नारायणपुर के कलेक्टर श्री अजय अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक श्री अमित तोपनो मौजूद रहे। अधिकारियों ने आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत करते हुए उन्हें फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया और पुनर्वास के तहत हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी वर्षों से जंगलों में हिंसा का रास्ता अपना चुके थे, लेकिन अब वे सरकार की विकास योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार कार्यक्रमों से प्रेरित होकर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।
यह आत्मसमर्पण उस व्यापक परिवर्तन का संकेत है, जो बस्तर क्षेत्र में तेजी से हो रहा है, जहां अब बंदूक की जगह शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बातें हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति ने पिछले कुछ वर्षों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं। वर्ष 2024 से अब तक बस्तर संभाग में 300 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वालों को नकद प्रोत्साहन, सुरक्षा, शिक्षा और पुनर्वास की सुविधाएं दी जा रही हैं।
नारायणपुर जिले के स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस आत्मसमर्पण का स्वागत किया है। उनका मानना है कि अब क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास की संभावनाएं और प्रबल हुई हैं।
बस्तर जैसे लंबे समय से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे आत्मसमर्पण राज्य सरकार, सुरक्षाबलों और स्थानीय प्रशासन के साझा प्रयासों का प्रमाण हैं। यह बदलाव बताता है कि विकास और संवाद के माध्यम से हिंसा का अंत संभव है।
बस्तर में माओवादियों का आत्मसमर्पण जारी, नारायणपुर में 22 और नक्सलियों ने थामा मुख्यधारा का दामन
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Mananya Singh
- 12 July 2025
- 9:49 am