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जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र (J.K.S.C.) एवं बी एन के वी एस ग्रुप ऑफ थिएटर सोसायटी, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक नए विमर्श को जन्म देती नाटिका ‘जन्नत के साए’ का सफल मंचन

जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र (J.K.S.C.) एवं  बी एन के वी एस ग्रुप ऑफ थिएटर सोसायटी,
जोधपुर
के संयुक्त तत्वावधान में एक नए विमर्श को जन्म देती नाटिका
जन्नत के साए’ का सफल मंचन


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IMG 20151007 WA0022जोधपुर।  जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र (J.K.S.C.) एवं  बी एन के वी एस ग्रुप ऑफ थिएटर सोसायटी,
जोधपुर
के संयुक्त तत्वावधान में एक नए विमर्श को जन्म देती नाटिका कमलेश तिवारी द्वारा लिखित और निर्देशित
जन्नत के साए’ का सफल मंचन 5 अक्टूबर 2015 को सूचना केन्द्र सभागार, जोधपुर में किया गया। 

लेखक कमलेश तिवारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र से जुड़ने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि
हम लोग जम्मू-कश्मीर संबंधी तथ्यों से कितने अंजान हैं। मीडिया द्वारा दी गई
जानकारी अधूरी है और एक पूर्ण दृष्टि विकसित करने में असमर्थ भी। जम्मू-कश्मीर
हमारे देश की राष्ट्रीय संस्कृति और सभ्यता की विरासत को अपने में समेटे हुए है। 

IMG 20151007 WA0020अन्य कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं के साथ मेरा ध्यान जम्मू-कश्मीर में
देश की आज़ादी से लेकर अब तक रिफ़्यूजियों और विस्थापितों के रूप में रहने वाले 15
लाख लोगों की ओर विशेष रूप से गया। मुझे लगा कि ये ही हैं जम्मू-कश्मीर के असली पीड़ित
जन। देश को आज़ाद हुए 68 वर्ष बीत चुके हैं। हम लोग बड़े शान से साल दर साल
लोकतन्त्र का जश्न मनाते रहे हैं
; पर
हमारे ही बीच रहने वाले इन लोगों की दुर्दशा की ओर हमारा ध्यान कभी नहीं गया।
समूचे विश्व में इतने लंबे समय तक रिफ़्यूजी के रूप में रहने वाले यही लोग हैं।
लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में नागरिकों के अधिकार
,
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि तो जैसे इनके लिए चुप्पी साध के बैठे हों।

ये नाटिका एक प्रयास है जिससे कि हम लोग केवल घाटी की खबरों और
अलगाववादियों की बातों को ही जम्मू-कश्मीर का पर्याय ना मानें बल्कि एक सर्वांगीण
दृष्टि से जम्मू-कश्मीर को समझने और उससे जुड़ने की कोशिश करें।

 

IMG 20151007 WA0025नाटिका में कथ्य की
प्रभावोत्पादकता को बढ़ाने के लिए जोधपुर शहर ही नहीं बल्कि राजस्थान के जाने-माने
शाइरों जनाब सागरुल कादरी
, सरफराज शाकिर
और बृजेश अम्बर की गज़लों के कुछ शेरों का प्रयोग भी किया गया है।
 
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नाटिका में जमाल का गजेन्द्र सिंह
परिहार
, नफीसा का निर्मला राव,राजे का अनुज गाँधी,धीरू का अभिनय कमलेश तिवारी ने किया। 

रूप सज्जा प्रमोद वैष्णव, मंच व्यवस्था श्यामाप्रसाद गौड़,
यशवंत गौड़
,
वाजिद
हसन तथा
संगीत एवं ध्वनि प्रभाव एम॰एस॰ज़ई॰ द्वारा किया गया। अयोध्याप्रसाद गौड़ द्वारा

सफल मंच
संचालन किया गया।   


इस कार्यक्रम में अध्यक्ष लेखक एवं पत्रकार श्री विनोद विट्ठल, विशिष्ट अतिथि लॉयन्स क्लब, जोधपुर के अध्यक्ष लॉयन विजय मनोरिया तथा  मुख्य अतिथि न्यूरोलॉजिस्ट एवं समाजसेवी डॉ॰ श्री नगेन्द्र शर्मा थे।  

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