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चीन की रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पाबंदी उलटी पड़ी, 75% राजस्व गिरा, मांग में भारी गिरावट से बीजिंग को झटका

चीन द्वारा अप्रैल 2025 में रेयर अर्थ (दुर्लभ खनिज) और मैग्नेट के निर्यात पर कड़ी पाबंदी लगाने का फैसला उसके लिए ही भारी पड़ गया है। इन पाबंदियों के बाद दो महीनों में चीन के मैग्नेट निर्यात में 75% की जबरदस्त गिरावट आई है। कई चीनी कंपनियों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है और गोदामों में माल का अंबार लग गया है, जबकि घरेलू मांग भी कमजोर बनी हुई है।

चीन ने यह कदम अमेरिकी टैरिफ के जवाब में उठाया था, लेकिन इसका असर चीन की अपनी अर्थव्यवस्था और खासतौर पर मैग्नेट उद्योग पर पड़ा है। चीन दुनिया के 90% रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन करता है, लेकिन इनका 18% से 50% तक राजस्व निर्यात से आता है। अब निर्यात रुकने और घरेलू मांग कमजोर होने से इन कंपनियों की आय दोनों ओर से दबाव में है। कई छोटी और मंझोली कंपनियों को अप्रैल-मई में उत्पादन 15% तक घटाना पड़ा है और कई वैश्विक वाहन कंपनियों को भी उत्पादन रोकना पड़ा।

निर्यात लाइसेंस की सख्त प्रक्रिया और लंबी प्रतीक्षा ने भी व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। मई 2025 में चीन के रेयर अर्थ मैग्नेट का कुल निर्यात 74% घटकर 1.2 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो कोविड-19 काल के बाद सबसे कम है। अमेरिका को निर्यात में तो 93% तक की गिरावट दर्ज की गई।

इसका असर सिर्फ चीन तक सीमित नहीं रहा—यूरोप, अमेरिका, जापान और भारत जैसे देशों की ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई है, लेकिन इन देशों ने वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में नए खनन प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं, जिससे चीन की वैश्विक पकड़ कमजोर हो सकती है।

चीन की उम्मीद थी कि पाबंदी से वह वैश्विक दबाव बना पाएगा, लेकिन उल्टा खुद के उद्योगों को बड़ा झटका लगा है। राजस्व में भारी गिरावट, मांग का संकट और वैश्विक ग्राहक खोने का खतरा अब बीजिंग के सामने है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यही रुझान जारी रहा तो चीन की रेयर अर्थ इंडस्ट्री को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है।

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