भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह निर्णय स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए लिया और कहा कि वह अब पूरी तरह “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देंगे और चिकित्सकीय सलाह का पालन करेंगे।” उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा गया, जिन्होंने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इसे स्वीकार कर लिया है।
धनखड़ जी का यह फैसला ऐसे समय आया है जब उन्होंने बतौर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विधायी मर्यादा, तटस्थता और संयम का विशेष उदाहरण पेश किया। उनके अध्यक्षीय कार्य संचालन की शैली में दक्षता और गरिमा देखने को मिली। विधायिका की कार्यशैली में सुधार और सांसदों की भूमिका को संतुलित रूप देने के उनके प्रयासों की विपक्ष और सत्ता—दोनों ने कई मौकों पर सराहना की।
राजनीतिक जीवन में उनका अनुभव, विशेष रूप से एक वकील और संसदीय विशेषज्ञ के रूप में, उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को नई दिशा देने में सहायक रहा। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनकी सेहत को लेकर कई तरह की चर्चाएँ सामने आ रही थीं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों की सलाह पर अब उन्हें नियमित चिकित्सा निगरानी और उपचार की आवश्यकता है, जिसके कारण उन्होंने खुद को सक्रिय सार्वजनिक जीवन से विराम देने का निर्णय लिया।
उनके इस्तीफे के बाद संविधान के अनुच्छेद 65 के तहत राष्ट्रपति निकट भविष्य में चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा करेंगी। तब तक उपराष्ट्रपति पद की कार्यवाही और राज्यसभा की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन द्वारा की जा सकती है।
धनखड़ जी का यह निर्णय स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की भावना का परिचायक है और भारतीय सार्वजनिक जीवन में एक जिम्मेदार उदाहरण प्रस्तुत करता है। देश ने एक नेक, संवेदनशील और सजग नेतृत्वकर्ता को अस्थायी रूप से खोया है, लेकिन उनके स्वस्थ भविष्य की कामना हर भारतीय नागरिक कर रहा है।
Vice President #JagdeepDhankhar resigns from his post "to prioritise health care and abide by medical advice." pic.twitter.com/XRnMNP3XN7
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 21, 2025