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आस्तिन के सापों को कुचल देगा देश – बहुगुणा

आस्तिन के सापों को कुचल देगा देश – बहुगुणा
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विचार गोष्ठी में उमड़े शहरवासी
जोधपुर, 28 फरवरी। देश में पल रहे आस्तिन के सापों को अब कुचल दिया जायेगा। अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा। यह विचार अ.भा.वि.प. दिल्ली प्रदेश के पूर्व मंत्री और वर्तमान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य साकेत बहुगुणा ने उपस्थित व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। अवसर था विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा आयोजित ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: अधिकार एवं सीमाएँ’ विषय पर संगोष्ठी का। 
स्टील भवन के खचाखच भरे सभागार में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में वामपंथी एवं कश्मीरी अलगाववादी तत्वों द्वारा की गई भारत विरोधी नारेबाजी और उसको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में सही सिद्ध करने की साजिश का खुलासा किया गया। ज्ञातव्य है कि गत् 9 फरवरी, 2016 को इस विश्वविद्यालय में वामपंथी/नक्सलवादी /माओवादी विचार से प्रेरित कुछ छात्रों द्वारा बाहर के मुस्लिम कट्टरपंथियों का सहयोग लेकर परिसर में भारत की बर्बादी तक, भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह, पाकिस्तान जिन्दाबाद, तुम कितने अफजल मारोगे-हर घर से अफजल निकलेगा जैसे नारे लगाये गये जिसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जे.एन.यू. के कार्यकर्ताओं ने तीव्र विरोध किया। जिसको इन वामपंथी मफियाओं द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नाम देकर देश में एक नई चर्चा, गद्दारी को अभिव्यक्ति के नाम से सही ठहराने की कोशिश शुरू हुई है। 

 गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केन्द्रिय कार्य समिति सदस्य व जे.एन.यू. के पूर्व छात्र साकेत बहुगुणा ने बताया कि किस प्रकार वामपंथी छात्रों और प्रोफेसरों द्वारा परिसर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में लगातार देशद्रोही घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। AISA,
SFI, AISF, DSU
जैसे वामपंथी संगठनों के सहयोग से 9 फरवरी को जे.एन.यू. में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर विरोध रैली का आयोजन हुआ जिसमें भारत विरोधी नारे लगे और भारत को अनेक टुकड़ो में बांटने की वकालात की गई। परिसरों में देशद्रोही हरकतों के विरूद्ध राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ता सर्दव लड़ते रहे है और लड़ते रहेंगे। किसी भी हालत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश को तोड़ने की बात हमें स्वीकार्य नहीं है। भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आर्टिकल 19 के Clause (2) द्वारा आठ बिन्दुओं पर उचित प्रतिबंध का भी प्रावधान है जिसमें एक बिन्दु भारत की एकता और अखण्डता भी है। अतः भारत की एकता और अखण्डता को हानि पहुँचाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं में नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रवादी विचार की सरकार आने से वामपंथी व कांग्रेसी बौखला गये है और इसलिए कभी थ्ज्प्प् तो कभी जे.एन.यू. परिसर में अराजकता फैलाने में लगे हुए है। आज वामपंथ का देशद्रोही चेहरा पूरे देश में उजागर हुआ है परन्तु दुर्भाग्य है कि कांग्रेस भी आज इन देशद्रोहियों के साथ खड़ी है। इस देशद्रोही गठजोड़ के विरूद्ध युवाओं को आगे आना होगा। संसद में बैठे कुछ गणमान्य भी आज उस अफजल के समर्थन में खड़े है जिसने इसी संसद पर हमला करवाया था। हम इसकी निन्दा करते है।

अ.भा.वि.प. दिल्ली प्रान्त उपाध्यक्षा व दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापिका सुश्री ममता त्रिपाठी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में स्थित एक अग्रणी विश्वद्यिालय के परिसर को आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने का केन्द्र बनाकर इस शिक्षा के केन्द्र को बदनाम किया जा रहा है। चन्द वामपंथी चरमपंथियों की वजह से यह पूरा विश्वविद्यालय आज कलंकित हो रहा है। ऐसे युवा जो युवावस्था में चरमपंथी व अलगाववादी सोच से दूषित हो गये है, उनसे इस विश्वविद्यालय को बचाने की आवश्यकता है। साथ ही देशभर के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रवादी विचार प्रचारित व प्रसारित किया जाना चाहिये।

समारोह की शुरूआत भारत माता की वन्दना से हुई। इसके पश्चात महानगर प्रचार प्रमुख डाॅ.अभिनव राजपुरोहित द्वारा विचार गोष्ठी की प्रस्तावना एवं महत्ता प्रतिपादित की गई। समारोह का संचालन सुधांशु टांक और बलवीर सिंह बैंस ने किया। विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर के प्रमुख प्रफुल्ल मेहता द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 

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