मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों के अत्याधुनिक X-Guard डिकॉय सिस्टम का ऐसा इस्तेमाल किया, जिसे सैन्य विशेषज्ञ ‘आधुनिक युद्ध का मास्टरक्लास’ बता रहे हैं। पाकिस्तानी वायुसेना ने दावा किया था कि उसने भारतीय राफेल को मार गिराया, लेकिन बाद में सामने आया कि वह असल में राफेल का AI-सक्षम X-Guard डिकॉय था, न कि असली विमान।
X-Guard एक हल्का, फाइबर-ऑप्टिक केबल से जुड़ा टोड डिकॉय सिस्टम है, जो राफेल के पीछे 100 मीटर की दूरी पर तैनात किया जाता है। यह सिस्टम 500 वॉट की 360-डिग्री जामिंग सिग्नल और रडार सिग्नेचर पैदा करता है, जिससे दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम को लगता है कि वे असली राफेल को निशाना बना रहे हैं। इसकी AI तकनीक डोप्लर शिफ्ट और राफेल की उड़ान गति (Mach 1) को भी हूबहू कॉपी करती है, जिससे पाकिस्तानी J-10C के AESA रडार और चीन निर्मित PL-15E मिसाइलें असली विमान और डिकॉय में फर्क नहीं कर पाईं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब पाकिस्तानी एयर डिफेंस ने राफेल को निशाना बनाया, तो X-Guard ने फौरन खुद को तैनात किया और दुश्मन के सिस्टम को भ्रमित कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने जिन हिट्स को ‘किल’ समझा, वे असल में डिकॉय पर लगे थे, असली राफेल सुरक्षित लौट आए। Jane’s Defence Weekly की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के कई दावे इन्हीं डिकॉय सिस्टम पर आधारित थे, न कि असली विमानों पर।
इस रणनीति की अंतरराष्ट्रीय सैन्य विशेषज्ञों ने भी जमकर तारीफ की है। पूर्व अमेरिकी फाइटर पायलट रयान बोडेनहाइमर ने इसे “अब तक का सबसे बेहतरीन इलेक्ट्रॉनिक डिकेप्शन” बताया और कहा कि इसने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की परिभाषा बदल दी।
राफेल का X-Guard डिकॉय सिस्टम न केवल दुश्मन के रडार और मिसाइलों को गुमराह करता है, बल्कि पायलट को रियल टाइम अलर्ट भी देता है और मिशन के बाद उसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तकनीक भारत की वायु शक्ति और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता को नई ऊंचाई देती है, जिससे पश्चिमी देशों के विशेषज्ञ भी प्रभावित हुए हैं।
राफेल के X-Guard डिकॉय ने पाकिस्तानी एयरफोर्स को कैसे चकमा दिया: भारतीय रणनीति से पश्चिम भी हुआ हैरान
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Mayank Kansara
- 10 July 2025
- 8:21 pm